सिटी मिशन मेनेजर करेंगे एमडीए अभियान में सहयोग

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  • राज्य स्वास्थ्य समिति एवं पिरामल स्वास्थ्य के सौजन्य से हुआ उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन 
  • कुरूपता एवं विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण है फ़ाइलेरिया
पटना- अब राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन भी आगामी एमडीए अभियान में अपना सहयोग करेगा. इसी क्रम में शनिवार को राज्य स्वास्थ्य समिति एवं पिरामल स्वास्थ्य के सौजन्य से 24 एमडीए जिलों के सिटी मिशन मेनेजर का उन्मुखीकरण किया गया. वर्चुअल कार्यशाला में 24 एमडीए जिलों के सिटी मिशन मेनेजर, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद, पिरामल स्वास्थ्य की तरफ से बिहार एवं झारखंड के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, एनटीडी बिकास सिन्हा, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, एनटीडी, बासब रुज, विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय, राज्य सलाहकार, फ़ाइलेरिया, डॉ. अनुज सिंह रावत, पीसीआई की राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, डॉ. पंखुड़ी मिश्रा, सिफार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, रणविजय कुमार, जीएचएस से डॉ. अनुज घोष सहित पिरामल स्वास्थ्य की टीम मौजूद रही. कार्यशाला का संचालन बासब रुज ने किया.
दवा सेवन ही सर्वोत्तम उपाय:
कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि फ़ाइलेरिया मच्छर जनित रोग है और स्वस्थ दिखने वाले व्यक्तियों में भी फ़ाइलेरिया के जीवाणु मौजूद हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि फ़ाइलेरिया पूरे विश्व में कुरूपता एवं विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण है. इससे सुरक्षित रहने का सर्वोत्तम एवं सबसे सरल उपाय है एमडीए अभियान के दौरान साल में एक बार फ़ाइलेरिया की दवा का सेवन करना. उन्होंने कहा कि साल में एक बार पांच साल तक लगातार दवा का सेवन कर कोई भी व्यक्ति आजीवन फ़ाइलेरिया से सुरक्षित रह सकता है. एमडीए अभियान को जन अभियान बनाने की जरुरत है.
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन करेगा अपना पूरा सहयोग:
कार्यशाला में अपने संबोधन में संजीव पांडेय, टीम लीडर, शहरी आजीविका मिशन, बिहार ने कहा कि एमडीए अभियान एक जन कल्याण का कार्यक्रम है और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की टीम पूरे अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग को अपना पूरा सहयोग करेगी.
नाईट ब्लड सर्वे से पता चलता है माइक्रोफ़ाइलेरिया दर:
कार्यशाला को संबोधित करते हुए , पिरामल स्वास्थ्य के बिहार एवं झारखंड के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, एनटीडी बिकास सिन्हा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर एक बार फ़ाइलेरिया से ग्रसित हो जाए तो फिर इसका उपचार संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि दवा नहीं खाने वाला एक व्यक्ति भी कई लोगों को फ़ाइलेरिया से संक्रमित कर सकता है. राज्य के सभी 38 जिले फ़ाइलेरिया से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में विभिन्न कारणों से अभियान के दौरान लोगों को दवा सेवन कराना एक चुनौती रही है और इसमें शहरी आजीविका मिशन का सहयोग आवश्यक है.
सभी विभागों का सहयोग आवश्यक:
कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य सलाहकार, फ़ाइलेरिया, डॉ. अनुज सिंह रावत ने कहा कि नीति आयोग द्वारा निर्देशित है कि आगामी एमडीए अभियान में सभी विभाग अपना सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता सुनिश्चित करने में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका भी अहम् होगी.
कार्यशाला का समापन अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर हुआ.
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