फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम: शिक्षकों ने लिया सर्वजन दवा सेवन करने का संकल्प

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  • फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने में निभाएंगे अग्रणी भूमिका
  • महादलित विद्यालय के बच्चों को समझा रहे हैं सर्वजन दवा सेवन का महत्व
मोतिहारी : 10 फरवरी से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से श्री राजा राम हाई स्कूल तुरकौलिया एवं एन पी एस महादलित विद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहाँ बच्चों ने सर्वजन दवा सेवन करने का संकल्प लिया। वहीं राजा राम हाई स्कूल के शिक्षकों ने प्रधानाचार्य इरशाद अहमद के नेतृत्व में खुद के साथ विद्यालय के बच्चों को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन कराने का संकल्प लिया। पीसीआई के जिला प्रतिनिधि मनोज कुमार ने विद्यालय के प्रधानाचार्य इरशाद अहमद व शिक्षक-शिक्षिकाओं को जिले में आयोजित होने वाले एमडीए राउंड के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है इसका कोई इलाज नहीं है, इसे सर्वजन दवा सेवन कर ही रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने के लिए शिक्षित वर्ग, समाज सेवी संस्थान एवं आमजनों को जागरूक होकर खुद सर्वजन दवा सेवन करने के साथ-साथ आसपास के लोगों को भी दवा सेवन के लिए प्रेरित करना होगा, तभी हाथीपाँव जैसी गंभीर बीमारी का पूर्ण उन्मूलन संभव है।
आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खिलाएंगी सर्वजन दवा:
जिले के वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम 10 से 24 फरवरी तक चलाया जाएगा। इसमें 2 वर्ष से ऊपर के सभी स्वस्थ एवं योग्य व्यक्ति डीइसी और एल्बेंडाजोल की दवा आशा, आशा फैसिलिटेटर एवं वॉलिंटियर्स के सामने खायेंगे। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं। दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जन जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग, जनप्रतिनिधि व सहयोगी संस्था पिरामल, पीसीआई के द्वारा लगातार जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है, वहीं सिफार संस्था द्वारा फाइलेरिया मरीजों के साथ पेशेंट प्लेटफार्म बनाकर आम लोगों से सर्वजन दवा सेवन करने हेतु अपील की जा रही है।
फाइलेरिया क्या होता है:
फाइलेरिया को आम भाषा में हाथीपाँव रोग कहा जाता है। यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दीर्घकालिक दिव्यांगता की एक बड़ी वजह फाइलेरिया है। यह एक ऐसी घातक बीमारी है जो शरीर को धीरे-धीरे खराब करती है। फाइलेरिया एक परजीवी द्वारा होने वाला रोग है जो क्यूलेक्स मच्छड़ के कटने से फैलता है।
फाइलेरिया के लक्षण:
शुरुआती चरण के दौरान फाइलेरिया के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: पैरों में सूजन, लालिमा और दर्द, कोशिकाओं में मवाद का जमा होना, बुखार, ठंड लगना, त्वचा पर घाव आदि।
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