सांसद निलंबन के खिलाफ भाकपा माले ने राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के अवसर पर नगर में प्रतिरोध मार्च निकाला

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अशोक वर्मा
मोतिहारी : मोदी सरकार की मंशा है विपक्ष विहीन संसद,विरोध विहीन सड़क और लोकतंत्र विहीन देश।जो नही चलेगा – माले
विपक्षी दलों के 150 सांसदों के निलंबन के खिलाफ इंडिया गठबंधन के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने मोतिहारी चरखा पार्क से सदर अस्पताल होते हुए अंबेडकर चौक तक विशाल प्रतिरोध मार्च निकाला और अंबेडकर चौक पर सभा किया।
सभा को संबोधित करते हुए  माले नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार देश में फासीवादी शासन    चलाना चाहती है।इसलिए विरोध की हरेक आवाज को कुचलना चाहती है।उसकी मंशा है कि विपक्ष विहीन संसद,विरोध विहीन सड़क और लोकतंत्र विहीन देश हो।जो नही चलेगा ।देश की जनता इस तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेगी और 2024 में मोदी सरकार को सता से उखाड़ फेंकेगी।इसकी शुरुआत आज इंडिया गठबंधन के बैनर तले आज पूरे देश में हो गई है।जनता के जरूरी मुद्दो महंगाई,बेरोजगारी,जमीन और आवास के सवाल पर आंदोलन तेज होगा।देश में संविधान और लोकतंत्र की हत्या की जा रही है ऐसी परिस्थिति में संविधान से मिले अधिकारों और बोलने की आजादी की रक्षा के लिए आरपार की लड़ाई होगी। हिटलरी शासन को देश बर्दाश्त नहीं करेगा।
संसद की सुरक्षा में सेंध कैसे लगी ?इस सवाल का जवाब देने के बदले मोदी सरकार सदन से विपक्षी सांसदों को ही बाहर कर दे रही है कि कोई सवाल नही उठाए।इसके पहले अडानी के पास 20हजार करोड़ रुपए कहां से आए और किसका है?मात्र यह सवाल उठाने की वजह से राहुल गांधी की साजिशन संसद सदस्यता ही खत्म कर दिया गया था।न्यूज क्लिक पर अभी भी दमन की प्रक्रिया जारी है।झूठे आरोपों में सरकार के नीतियों के आलोचना करने वाले 50से ज्यादा पत्रकारों, प्रोफेसरों,लेखकों,वकीलों,मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया गया है।सांप्रदायिक हिंदूवादी एजेंडों को आगे बढ़ाकर देश में नफरत एवम विभाजन पैदा कर रही है।वहीं दूसरी तरफ देश के सारे संसाधनों को अपने पूंजीपति मित्रों अंबानी और अडानी के हवाले करती जा रही है।जिससे उनकी संपति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ते जा रही है।और आम लोगों की कंगाली और फतेहली बढ़ते जा रही है।भुखमरी,बेरोजगारी चरम सीमा छू रही है।जिसके चलते आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
अंत में नेताओं ने अविलंब 150सांसदों को निलंबन वापस लेने और लोकतंत्र बहाल करने की मांग की।
मार्च का नेतृत्व भाकपा माले जिला सचिव प्रभुदेव यादव,राज्य कमिटी सदस्य विष्णुदेव प्रसाद यादव,रूपलाल शर्मा,जीतलाल सहनी,किसान महासभा के जिला संयोजक शंभुलाल यादव,ऐक्टू नेता अच्युतानंद पटेल,दिनेश कुशवाहा,भाग्यनारायण चौधरी,भोला साह,मोहम्मद इसराफिल,अतिउल्लह मियां,राजकुमार शर्मा,सुधीर कुमार,भैरव दयाल सिंह,रंजन कुमार,अशोक कुशवाहा,राघव प्रसाद आदि नेताओं ने किया।
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