हाहाकार के वर्तमान समय परमात्मा के हीं संग रहना है 

2 Min Read
  • बाप समान बनने मे मुख्य रूकावट वैराग्य मे कमी होना है : बीके नीतू बहन
अशोक वर्मा
अरेराज : जिले के सुदूर गांव सिकटिया मे संचालित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेंद्र पर दैनिक मुरली वर्ग के बाद विशेष वर्ग चला ।उस वर्ग मे सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके नीतू बहन ने कहा कि  जैसे -जैसे दुनिया अशांत होती जा रही है, नई दुनिया बिल्कुल सन्निकट होती जा रही है।उन्होंने बाबा के संदेश को दुहराते हुए  कहा कि  बच्चे, आप सबको बहुत अलर्ट रह अपने पर अटेंशन रखना है और हर समय बाप के संग रहना है। जितना आप बाप के संग रहेंगे और अपने ऊँच स्वमान में रहेंगे, उतना ही आप सहज रीति आगे बढ़ते  जायेंगे।उन्होंने कहा कि अभी बाबा आप बच्चों का श्रृंगार कर रहा है। इसलिए स्वयं को हमेशा गुणों और शक्तियों से सजे हुए देव वा देवी समझ कर्म-व्यवहार में आना है। मंज़िल अब बिल्कुल समीप  है, थकना नहीं है, बस बाप का हाथ पकड़कर चलते रहना है।
  उन्होंने कहा कि परिवर्तन है ही लौकिक से अलौकिक होना। सिर्फ यह  लौकिक को अलौकिक बनाने का पुरूषार्थ ही सर्व समस्याओं से, सर्व कमज़ोरियों से मुक्त कर सकता है। बाबा बच्चों को देखता है कि बच्चों के अन्दर एक ही इच्छा है कि हम बाप-समान बन जायें। फिर भी बाप-समान बनने में कमी क्या रह जाती है अर्थात् कारण क्या है..? कारण है – ‘‘वैराग्य की कमी और शक्तियों की कमी’’ इसलिए ना चाहते हुए भी अपने स्वमान वा बाप को भूल साधारणता में आ जाते हैं।
सेवाकेन्द्र प्रभारी ने कहा कि बाबा ने कहा है कि जब भी कोई वस्तु परिपक्व होती है तो वह सभी जगह से अपने किनारे को छोड़ देती है और बिल्कुल न्यारी हो जाती है। इसलिए सबकी प्यारी बन जाती है। तो आप भी अपनी चेकिंग करो कि आपका मन और बुद्धि कहाँ-कहाँ जा रहा है…? जहाँ जा रहा है, वहाँ किसी-ना-किसी प्रकार का लगाव है…? इसलिए अब चेक कर परिवर्तन करते जाओ।
46
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *