- 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में करीब 129810 दिव्यांग है मौजूद
- अभी तक 12378 दिव्यांगजनों को मिल चुका है यूडीआईडी
मुजफ्फरपुर। जिले में दिव्यांगजनों के विशिष्ट पहचान कर यूडीआईडी कार्ड के लिए विभिन्न प्रखंडों में शिविर लगाया जा रहा है। इस शिविर की खास बात है कि इसमें फाइलेरिया के हाथीपांव के मरीजों की भी विशिष्ट पहचान कर उन्हें यूडीआईडी कार्ड दिया जाएगा। मालूम हो कि केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु यूडीआईडी कार्ड एक दस्तावेज के रूप में मान्य है। सिविल सर्जन ने शिविर में दिव्यांगता मूल्यांकन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों एवं एक प्रशिक्षित डाटा एंट्री ऑपरेटर की प्रतिनियुक्ति रोस्टर पर तैयार कर शिविर की शुरुआत कर दी है। प्रत्येक प्रखंडों में अलग अलग तिथियों पर शिविर का आयोजन किया जा रहा है। फाइलेरिया रोगियों के साथ दिव्यांग लोग भी 20 दिसंबर तक दिव्यांगों का यूडीआईडी कार्ड बनवा सकते हैं। शिविर में चिकित्सकों और जरूरी सहायकों की तैनाती की गयी है। एमटीवी वैन जिला स्वास्थ्य समिति से निर्धारित तिथि और नियत प्रखंड के लिए जाएगी।
जिले में 17 हजार फाइलेरिया रोगियों को मिल सकता है फायदा:
पीरामल के इफ्तिखार अहमद खान ने कहा कि जिले में दिव्यांग सर्टिफिकेट से हाथीपांव के 17 हजार मरीज लाभान्वित हो सकते हैं। मालूम हो कि हाथीपांव के मरीजों को भी दिव्यांगता का सर्टिफिकेट उनके स्थिति के अनुसार प्रतिशत में दिया जाता है। जिले में 129810 दिव्यांग जन मौजूद है। इनमें से 12378 लोगों को दिव्यांगता का सर्टिफिकेट बनाया गया था।