मोतिहारी, : मुंशी सिंह महाविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के तत्वावधान में 14 सितंबर को हिंदी दिवस समारोह के अंतर्गत ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में हिंदी’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम के अतिथि वक्ता प्रो. अरुण कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए हिंदी साहित्य की परम्परा की पड़ताल करते हुए बड़ी मानीखेज बात कही कि ‘हिंदी को भले सत्ता का बल नहीं मिला लेकिन हिंदी को श्रमिकों और संतों का साथ और बल जरूर मिला’। उन्होंने हिंदी साहित्य की जनधर्मिता पर भी अपनी बात रखी । हिंदी भाषा की समाहार शक्ति पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने हिंदी भाषा के बढ़ते प्रचार – प्रसार, इसमें रोजगार के विविध क्षेत्र और उसकी संभावनाओं पर प्रकाश डाला । उन्होंने हिंदी को लेकर जो हीनताबोध है, उसे दूर करने की बात कही ।
सभा को संबोधित करते हुए मुंशी सिंह महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. इक़बाल हुसैन ने कमला दास को उद्धृत करते हुए हिंदी को स्वप्न की भाषा से जोड़ा। उन्होंने हिंदी भाषा के सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य और उसकी विरासत पर अपनी बात रखी ।
राम दयालु सिंह महाविद्यालय, मुज़फ्फरपुर से आए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. रमेश प्रसाद गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए हिंदी भाषा को लेकर जो पूर्वाग्रह है उसे तोड़ने की बात कही । उन्होंने आदि कवि महर्षी वाल्मीकि को याद करते हुए हिंदी साहित्य की लोकधर्मिता पर अपनी बात रखी । उन्होंने वैश्वीकरण के बाद हिंदी के बढ़ते प्रचार- प्रसार मे हिंदी सिनेमा की भूमिका को रेखांकित करते हुए भाषा को लेकर शुद्धतावादी विचार के आग्रह से निकलने की बात कही । हिंदी भाषा को उन्होंने करुणा की भाषा कहा ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. मृगेंद्र कुमार ने हिंदी भाषा को समर्थ लोगों कि भाषा माना । उन्होंने भाषा के विकास को लेकर हिंदी भाषियों को स्वयं के ज्ञान में विस्तार की बात कही । उन्होंने तमिल, तेलगु, मलयालम जैसी भाषा को सीखने पर भी बल दिया जिससे हिंदी भाषी न केवल अपने ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं बल्कि यह भारत के भाषाई परिदृश्य के लिए भी बेहतर होगा ।
कार्यक्रम का कुशल संचालन मुंशी सिंह महाविद्यालय के हिंदी विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. भारती ने किया । वहीं धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. मनोहर कुमार श्रीवास्तव ने किया ।
इस संगोष्ठी में डॉ. शफ़ीक़ुर रहमान, श्री ए. के. चौबे, डॉ.अमित कुमार, डॉ. विदुषी दीक्षित सहित विभिन्न विभागों के छात्र- छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रही ।
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