ब्रह्माकुमारी  के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा माउंट आबू में सितंबर में होगा पांच दिवसीय यौगिक खेती प्रशिक्षण शिविर ।

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अशोक वर्मा
मोतिहारी : यौगिक खेती के अन्न सेवन से हो रही है काया निरोगी-बीके अबिता 27 सितंबर से 1 अक्टूबर तक ब्रह्मकुमारी के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू में होने वाले यौगिक खेती प्रशिक्षण शिविर में दोनों चंपारण से एक सौ से अधिक किसान भाग लेंगे।
माउंट आबू के शांति वन- तपो वन में आयोजित ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर से चयनित किसान भाग लेगे।  ग़ौरतलब है कि रासायनिक खेती से उपजे अन्न गैस्ट्रिक एवं अन्य बीमारियों का मुख्य कारण बनता जा रहा है इसलिए सरकार इसके समाधान के लिए यौगिक खेती के लिए प्रयत्नशील है, और इसके लिए ब्रह्माकुमारी संस्था की सेवाये केंद्रीय सरकार लेना चाहती है जिसके लिए ट्रेनरो की सख्त जरूरत है और उसी को ध्यान में रखते हुए कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग ने पांच दिवसीय ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम को रखा है। इस बाबत ग्राम विकास प्रभाग की बिहार प्रभारी बीके अबिता दीदी ने बताया कि प्रशिक्षण में मुख्य रूप से यौगिक खेती की विधि पर विशेषज्ञो द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाएगी ।प्रशिक्षण मे  कीटनाशक एवं यौगिक खाद निर्माण की विधि भी बताई  जायेगी।इसके अलावा फसलों को  योग प्रतीकंपन देने की कामेंट्री विधि प्रयोगात्मक स्वरूप मे कराया जायेगा। योग विधि से ट्रेनरो में शक्ति भरी जायेगी ।बीके अबिता ने बताया कि उस अन्न का प्रभाव मन पर पडता है। जिससे शरीर  स्वस्थ होता है। उन्होंने कहा कि चंपारण की भूमि अति उपजाऊ भूमि है और यहां की मुख्य फसल धान एवं गेहूं है ,यौगिक खेती  प्रशिक्षण  किसानों के लिए वरदान साबित होगा । रासायनिक खेती का दुष्परिणाम पूरा देश आज भुगत रहा है। घर-घर में गैस्टिक की बीमारी से लोग परेशान है ।उन्होंने बताया कि किसान ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम में काफी संख्या में चंपारण के किसानो  की भागीदारी होगी । वैसे तो पूरे बिहार से काफी किसान वहां पहुंच रहे हैं लेकिन चंपारण की भागीदारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारत सरकार चाहती है कि किसानो की आर्थिक  स्थिति  सुदृढ  हो। यौगिक खेती विधि से उपजे अन्न आम उपभोक्ताओं  की पहली पसंद है,अधिक उपजा के साथ कीमत भी अधिक मिल रही है।। पूरे देश में यौगिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि उस अन्न  के सेवन से आम लोग निरोगी बन सके। उस अभियान में  जितने भी किसान प्रशिक्षण लेगे उन्हे भविष्य में देश के विभिन्न भागों में प्रशिक्षण देने का सुनहरा मौका मिलेगा।
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