फाइलेरिया मरीज की आपबीती से पुख्ता हुआ अनुराग, धर्मानुरागियों ने खायी प्रेरणा की दवा

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  •  कबीर मठ के महंत अर्जुन दास ने की अपील 
  • दवा खाने को उत्सुक दिखे साधु-संत 
वैशाली। हम साधु हैं। हमारा काम अपनी साधुता से जन कल्याण करना है। सर्वजन दवा सेवन अभियान भी समाज के कल्याण के लिए है। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए है। इसमें फाइलेरिया से बचाव की दवा दी जाती है। जिसे हर स्वस्थ व्यक्ति खा सकता है। ये बातें एमडीए/आइडीए के तहत फाइलेरिया रोधी दवा खाने वाले श्री घाट स्थित तापसी मठ के महंथ नागमणि ने कही। उन्होंने कहा कि मैं खुद फाइलेरिया रोधी दवाओं से सहमत था, पर फाइलेरिया मरीज जो कि फ्रीडम फाइटर पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य डॉ राजेश्वर प्रसााद की आपबीती से और पुख्ता हो गया। मंगलवार को तपसी मठ के करीब 20 संत और उनके धर्मानुरागियों ने फाइलेरिया रोधी दवा खायी। दवा खाने वाले संत सियाराम ऋषि ने बताया कि उन्हें पहले फाइलेरिया का अटैक आ चुका था। उस समय भी मैंने अभियान के तहत दूसरे जगह दवा खायी थी। मैं हर साल अभियान के दौरान इस दवा का सेवन करता हूं।
कबीर मठ के महंत अर्जुन दास ने की अपील:
शहर के प्रसिद्ध बुटन दास घाट स्थित कबीर मठ के महंत अर्जुन दास ने परिवार और शिष्यों सहित मंगलवार को फाइलेरिया से बचाव की दवा खायी। वहीं अर्जुन दास ने एक वीडियो के माध्यम से शहर वासियों से अपील की है कि सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत दी जाने वाली दवाएं सुरक्षित और प्रभावी है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति इसका सेवन कर सकता है। अपने नज़दीकी आशा दीदी या आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर इस दवा का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा एसएनएस कॉलेज के साइकोलॉजी हेड के विभागाध्यक्ष डॉ आशीष कुमार ने भी इस दवा को सुरक्षित बताते हुए लोगों से दवा खाने की अपील की है।
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती स्त्री और गंभीर रूप से बीमारी लोगों को नहीं खानी है। वहीं दवा खाने के बाद किसी भी प्रतिकूल स्थिति में घबराने की जरुरत नहीं है। दवा को हमेशा खाना खाकर ही खाना है।  थोड़े आराम से दवा की सारी प्रतिकूलता खत्म हो जाती है।
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