- करीब 75 प्रतिशत लोग खेती पर आश्रित, एवं बाकी अन्य प्रदेशों में मजदूरी कर करते हैं जीविकापार्जन
इस पंचायत में 24 आंगनबाड़ी केंद्र में 20 भवनविहीनपश्चिमी चम्पारण : मझौलिया प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर सिकरहना नदी किनारे बसा हरपुर गड़वा पंचायत स्थित है।जो जिला का सबसे बड़ा 24 वार्ड का पंचायत है।इस पंचायत में करीब एक दर्जन गांव और टोला में अवस्थित है।लेकिन प्रशासनिक उदासिनता के कारण एक ही हरपुर टोला दो वार्ड का राजस्व ग्राम में स्थापित है।मुखिया सजदा तबस्सुम ने बताया कि हमारे पंचायत के बगल बरवा सेमरा घाट पंचायत है।जिसमे सात गांव है।सातों राजस्व विलेज़ में स्थापित है।हमारे पंचायत के साथ भेदभाव कर एक ही गांव को राजस्व गांव बनाया गया है जिसे विकास की राशि एक ही गांव के नाम पर आती है बाकी गांव विकास से पिछड़ा रह जाता है।
इस पंचायत में करीब 35000 की आबादी है।यहां कुल 16000 मतदाता है।इस पंचायत में कायस्थ,भूमिहार ब्राह्मण,यादव, बढ़ई,शेख,अंसारी,देवान,सोनार,लो
हार,धानुक,कुम्हार,हरिजन आदि जाति के लोग बसते हैं।जिसमें मुस्लिम जाति की बहुलता है।इस पंचायत में प्राथमिक विद्यालय 6 उत्क्रमित उच्च विद्यालय एक एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय तीन है।तथा एक दर्जन जनवितरण प्रणाली दुकान है।यहां साक्षरता करीब साठ प्रतिशत है।करीब 75 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर है।बाकी अन्य लोग प्रदेश काम कर अपना जीविकापार्जन करते हैं।लेकिन पंचायत में सिंचाई की व्यवस्था एकदम चौपट है।मात्र एक नलकूप है वह भी हमेशा खराब ही रहता है।मध्यवर्गीय एवं उच्च किसान तो पम्पसेट से सिंचाई कर लेते हैं।जबकि छोटे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।यहीं नहीं यहां इतनी बड़ी आबादी में मात्र दो उपस्वास्थ्य केंद्र है जबकि इनका अपना भवन नही है।यहां चिकित्सको को आते जाते कोई नही देखा है।कभी कभी नर्स दिख जाती है।अभी उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन गड़वा में निर्माणाधीन है।यहां के लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए पन्द्रह किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय मझौलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाना पड़ता है।इस पंचायत के लोगों को हमेशा सिकरहना नदी की कटाव का डर बना रहता है।यहां की मुखिया सजदा तबस्सुम एवं मुखिया पति अलीअसगर,शेख अहमद,जावेद,इरशाद आलम,राशिद अली,जफरे आलम आदि ग्रामीणों द्वारा कई बार सिकरहना नदी के बांध की ठोकर निर्माण एवं बांध की चौड़ीकरण के लिए ज्ञापन सौंपा।परन्तु अभी तक इस बांध के कटाव का कोई रास्ता साफ नही हुआ।
हरपुर गड़वा पंचायत के मुखिया पति अलीअसगर ने बताया कि सभी वार्डो के गलियों को गांव के मुख्य सड़क सम्पर्क पक्कीकरण के माध्यम से कर दिया गया है।उन्होंने बताया कि यहां के ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग एक हजार से ऊपर लोगों को आवास आवंटन कराया गया है।साथ ही 200 से अधिक सोख्ता का निर्माण कराया गया है।एवं आधा दर्जन कब्रिस्तान की चहारदीवारी कराई गई है। कई सड़कों का पीएससी कराई गई है वही मनरेगा के तहत कई योजनाएं भी चल रही है
वही मुखिया सजदा तबस्सुम ने बताया कि लाखों रुपए की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया गया है।जिसको सम्बेदक द्वारा आजतक पंचायत को सुपुर्द नही किया गया।जो कूड़ा करकट का अम्बार बना हुआ है।उन्होंने बताया कि हमारे पंचायत के बथाना गांव के किसानों की मूल समस्या है कि दो नदियों को नाव के सहारे पार कर खेती करने जाना पड़ता है।बथाना गांव की आबादी पांच हजार है जबकि 90 प्रतिसत लोगों का खेतिहर भूमि को सिंचाई करने के लिए सिकरहना नदी पोइन नदी नाव से पार कर जाना पड़ता है।वहीं महिलायें व पुरूष रोपनी सोहनी मवेशियों की चारा आदि के लिए नाव से पार कर जाते आते हैं।
पश्चिमी चम्पारण : कृषि पर टिकी आबादी,सिंचाई की व्यवस्था चौपट
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