पेंशन के नाम पर प्रति माह वृद्ध जनों को मिलता है चाय पान के लिए 400रू,  सरकार के लोग चुल्लू भर पानी मे डूब मरो :  ध्रुव त्रिवेदी

4 Min Read
देश में एक तरफ जहां अवकाश प्राप्त सरकारी कर्मियों का न्यूनतम पेंशन ₹25000 मिल रहा है तथा पड़ोसी अति गरीब और पिछड़ा  देश नेपाल में वृद्ध जनों को पेंशन के रूप में लगभग ₹3000 मिलता है वैसे दौर में बिहार के अलावा देश भर में 60 वर्ष से ऊपर के वृद्ध जनों को 400 से लेकर ₹500 प्रतिमाह पेंशन के रूप में सरकार दे रही है।यह कितनी हास्यास्पद बात है कि वृद्ध जनों के तरह ही विकलांग एवं विधवाओं को भी इतनी हीं राशि पेंशन स्वरूप देश में दिया जा रहा है ।आज देश मे बड़ा  नारा निकला है – भारत अब स्वर्णिम युग में प्रवेश कर रहा है और विकसित देशो की श्रेणी में अपने को  स्थापित करने की ओर बढ रहा है।
 देश के अंदर महंगाई भ्रष्टाचार आज इस कदर है कि किसी भी वृद्ध व्यक्ति को जिसके पास आमदनी का कोई साधन नहीं है जीना काफी कष्ट कारक है।आर्थिक रूप से कमजोर वरिष्ठ नागरिकों के प्रति पारिवारिक उपेक्षा  दिनों दिन काफी बढती  जा रही है।  जिन बच्चों को पालने पोशने में माता-पिता अपने सभी अरमानों  की तिलांजी देता है और उसे शिखर तक पहुंचाने का प्रयत्न करता हैं ,उन बच्चों द्वारा बुढापे में उन्हें प्यार और सम्मान के दो शब्द के बदले अपमान और जिल्लत भरा जीवन जीने की विवशता होती है।सरकार  इस विषय को गंभीरता से समझ रही है और प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम खोलने का निर्णय भी ले ली  है। कई जिलो मे आश्रम खुल भी गये है।लोगोँ को आशंका है कि
वृद्धा आश्रम के अधिकारी कर्मचारी सिर्फ अपना हीं पाकेट भरेंगे ।यह भी सच है,क्योंकि जिस सिस्टम से वे आयेंगे  वह पूरा सिस्टम हीं क्रॉप्ट है।
माकपा के प्रदेश स्तर के नेता ध्रुव त्रिवेदी ने कहा कि वृद्धा आश्रम खोलने पर सरकार को जितनी धन राशी खर्च करनी होगी तथा उसे चलाने में प्रत्येक  माह जितना खर्च आयेगा उससे कम राशी पेंशन के रूप मे देकर सरकार वृद्ध जनो का उद्धार कर सकती है।उन्होंने कहा कि आज जहां सभी की संवेदनाएं मर रही है उस दौर मे ,सरकारी स्टाफ वृद्धो की कितनी सुधी लेंगे यह अपने आप मे बडा प्रश्न है। उन्होंने कहा कि सभी वृद्ध जनों को न्यूनतम ₹5000 रुपया प्रतिमाह सरकार पेंशन के रूप में दे तो उस राशि की लालच में उस वृद्ध व्यक्ति की परवरिश घर के लोग करेंगे ।यह  एक अच्छा और सार्थक कदम हो सकता है । जिले के जाने माने कवि एवं साहित्यकार धनुषधारी कुशवाहा ने भी कहा किअगर सरकार वरिष्ठ नागरिको को पेंशन मद मे दस हजार रु प्रत्येक माह दे तो वह फायदे मे रहेगी। वोट की राजनीति के तहत भी सत्ताधारी दल के लिए यह लाभप्रद हो सकता है क्योंकि देश में अभी 30 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन बांटने का राजनीतिक लाभ केंद्र सरकार लगातार उठा रही है यह एक सधा एवं आजमाया हुआ प्रयोग है जिसे लागू करना फायदामंद ही होगा ,इससे वरिष्ठ नागरिकों का भी कल्याण हो जाएगा ,घर में  उनका मान सम्मान होगा तथा प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी फिर अनावश्यक वृद्धाश्रम मे उन्हें जाने की आवश्यकता भी नहीं पडेगी।
36
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *