- चार दिन नुक्कड़ के माध्यम से नवजातों के देखभाल का बताया तरीका
शिवहर। एएनएम स्कूल, शिवहर एवं पिरामल फाउंडेशन के तत्वाधान में सदर अस्पताल में राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह पर नुक्कड़ नाटक नवजातों के स्वस्थ भविष्य की सीख दे गया। नर्सिंग कॉलेज की एएनएम प्राचार्य अनुराधा कुमारी ने बताया कि मौजूदा समय में बिहार में नवजात मृत्यु दर प्रति हजार 21 है। बच्चों के पालन पोषण की पुरानी प्रथाएं आज भी चलन में है। ऐसे में कम से कम 6 माह तक शिशु को बेहतर देखभाल के प्रति आम लोगों को जागरूक करने में नाटक नवजात बचाओ देश बढ़ाओ देश के उज्जवल भविष्य का निर्माण कराओ काफी हद तक सफल रहा।
पिरामल के अमित कुमार ने बताया कि बिहार में प्रतिवर्ष लगभग 31 लाख शिशु का जन्म होता है। इसमें से 84000 शिशु अपना पहला जन्मदिन मनाने से पहले ही मर जाते हैं, इनमें से 65000 यानी 78% शिशु 28 दिनों के अंदर ही मर जाते हैं।
सरकारी सुविधाएं है भरपूर:
पिरामल के अमित कुमार ने बताया कि नवजात के जन्म के समय और उसके बाद भी सरकारी अस्पतालों में काफी सुविधाएं दी जाती है। प्रसव के समय भी प्रसूता को 14 सौ रुपए दिए जाते हैं। जिले में एसएनसीयू की व्यवस्था है। आशा द्वारा घरों की विजिट की जाती है। इसके अलावे टीकाकरण और अन्य सुविधाएं भी मिलती है। नुक्कड़ नाटक में एएनएम स्कूल से निशा, सपना, खुशी, सोनी, श्वेता, नाजिया, निभा, श्वेता रानी, रंजना आदि ने नुक्कड़ नाटक में भाग लिया।
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