मोदी सरकार प्रेस मीडिया की आजादी पर हमला कर लोकतंत्र का गला घोंट रही है : माले

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  • जातीय गणना के आधार पर वंचित समुदाय के उत्थान के लिए नई योजनाएं एवम नीतियां बने
  • भाकपा माले जिला कमिटी की एक दिवसीय बैठक संपन्न
अशोक बर्मा
मोतिहारी : भाकपा माले जिला कमिटी की एक दिवसीय बैठक कल मंगलवार को  मोतिहारी प्रखंड के गम्हरिया गांव में संपन्न हुई।जिसकी अध्यक्षता जिला सचिव प्रभुदेव यादव ने की जबकि मुख्य अतिथि के बतौर  पार्टी के केंद्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक कॉमरेड वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने भाग लिया।बैठक की शुरुआत हाल के दिनों में दिवंगत कॉमरेड बृजा प्रसाद,चनपटिया,कॉमरेड रामजतन चौधरी,आरा और महान कृषि वैज्ञानिक एम एन स्वामीनाथन को एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित करके हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए कॉमरेड वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि जैसे जैसे इंडिया गठबंधन की एकता बढ़ रही है वैसे वैसे भाजपा के अंदर बौखलाहट बढ़ रही है।पहले से ही विपक्ष के नेताओं की आवाज दबाने के लिए सरकारी जांच एजेंसियों और अन्य संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है और अब मीडिया की आवाज को दबाने के लिए न्यूज क्लिक से जुड़े पत्रकारों का दमन शुरू कर दिया गया है।जिस तरह से झूठे एवम मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं शायद ही दुनिया में कहीं ऐसा उदाहरण मिले।झूठी कहानियां गढ़कर बदनाम किया जा रहा है और फिर एकबार किसान आंदोलन के खिलाफ भी गोदी मीडिया द्वारा झूठ प्रचार संगठित किया जा रहा है।जिस किसान आंदोलन के सामने मोदी सरकार को झुकना पड़ा था।और करीब साढ़े सात सौ किसानों ने 13महीना चले आंदोलन में शहादत देकर मोदी सरकार के घमंड को चकनाचूर कर दिया था।2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी संभावित हार को देखकर मोदी सरकार देश में अघोषित इमरजेंसी लगाकर लोकतंत्र की हत्या कर रही है।जिसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।इसके खिलाफ लोकतांत्रिक प्रतिवाद आंदोलन को और तेज कर मोदी सरकार को जवाब दें। जनपक्षीय,निष्पक्ष पत्रकारिता लोकतंत्र की आत्मा है।
आगे उन्होंने कहा कि भाजपा के अड़ंगेबाजी के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार ने जातीय गणना कराकर स्वागत योग्य काम किया है।उसके आंकड़े से समाज के उपेक्षित,वंचित समुदायों और जातियों की आर्थिक,सामाजिक,शैक्षणिक और सांस्कृतिक स्थिति के बारे में पता चल गया है।अब आबादी के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था लागू हो ताकि वंचित समुदाय को उचित हिस्सेदारी मिल सके।फिर से उसकी समीक्षा की जरूरत है।जमीन का केंद्रीकरण भी मुट्ठीभर लोगों के हाथों में केंद्रित है जब कि दलित एवम अति पिछड़े समुदाय के पास वासगीत जमीन भी नही है।इस असमानता को दूर करने और बटाईदारों को कानूनी हक देने के लिए भूमि सुधार कानून की समीक्षा करते हुए नया भूमि सुधार कानून बनाने की आवश्यकता है।
महिला आरक्षण कानून भी जिसे आनन फानन में पारित कराया गया उसमे काफी त्रुटियां है जिसे दूर करना होगा।लोकसभा और विधान सभा की तरह राज्य सभा एवम विधान परिषद में आरक्षण लागू हो और महिला आरक्षण कोटा के भीतर भी दलित,ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के लिए कोटा आबादी के आधार पर तय हो।
बैठक के फैसले की जानकारी देते हुए जिला सचिव प्रभुदेव यादव ने कहा कि ग्रामीण गरीबों,दलितों,मजदूरों के संगठन अखिल भारतीय खेत एवम ग्रामीण मजदूर सभा का सातवां राज्य सम्मेलन 7 – 8नवंबर2023 को बेतिया बापू सभागार में आयोजित होगा जिसमे पूरे राज्य से 2000 प्रतिनिधि भाग लेंगे।उसका उद घाटन भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य करेंगे।यह सम्मेलन मोदी सरकार के गरीब मजदूर विरोधी नीतियों,मनरेगा एवम प्रधानमंत्री आवास योजना के बजट में कटौती,स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली उपभोक्ताओं की लूट के खिलाफ मनरेगा में 200दिन काम और 600रुपए प्रतिदिन मजदूरी,200यूनिट बिजली फ्री देने,बुलडोजर पर रोक लगाने और नया वास आवास कानून बनाने,वृद्धा विधवा,विकलांग पेंशन 3000रुपए प्रति महीना देने ,गरीबों के लिए मुफ्त शिक्षा एवम स्वास्थ्य की व्यवस्था करने के सवाल पर आयोजित होगा।जिसे तन मन धन से सहयोग कर सफल करने का निर्णय लिया गया।
मोदी सरकार के खिलाफ जमीनी स्तर पर प्रतिरोध तेज करने के लिए व्यापक पैमाने पर सदस्यता भर्ती,नवीनीकरण अभियान चलाकर जनता को संगठित करने और पार्टी ब्रांचों का गठन – पुनर्गठन करने और लोकल कमिटीयों का गठन करने का भी फैसला लिया गया।
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