- शिक्षा प्रभाग का मुख्य उद्देश्य है चरित्र निर्माण: बीके शशि भाई
अशोक वर्मा
अरेराज/मोतिहारी : ब्रह्माकुमारी शिक्षा प्रभाग द्वारा देश भर में चलाए जा रहे मूल्यनिष्ठ शिक्षा कार्यक्रम अंतर्गत पूर्वी चंपारण के अरेराज अनुमंडल में सिकटिया सेवा केंद्र द्वारा विभिन्न स्कूलों में एक माह के लिये इस महत्वपूर्ण अभियान का शुभारंभ किया गया । सेवा केंद्र प्रभारी बीके नीता बहन ,बीके आरती,मोतिहारी सेवा केंद्र प्रभारी बीके विभा एवं मुंबई के प्रसिद्ध उद्योगपति बीके शशि भाई ,लखनऊ से शिक्षा प्रभाग द्वारा आए बीके सूरज भाई, मुजफ्फरपुर के बीके प्रफुल्ल भाई , बीके सुभाष भाई, कुशीनगर के बीके हेमंत भाई पुरंदरपुर के बीके चंदन तिवारी, नरकटियागंज के बीके सिद्धार्थ भाई इस अभियान से जुड़े हुए हैं । बीके नीता बहन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम पूर्वी चंपारण जिला शिक्षा अधिकारी से मिलकर उन्हें इस अभियान की पूरी जानकारी दी। उनको बताया कि भारत की प्राचीन शिक्षा परंपरा गुरुकुल पद्धति का रहा है जिसमें सर्वगुण संपन्न बनाया जाता था साथ- साथ परिवार, समाज और देश हित के लिए आध्यात्मिक शक्ति भरी जाती थी। उस शिक्षा से जीवन मूल्यों से भरपूर होता था ।आध्यात्म आधारित शिक्षा व्यवस्था होने से सभी कार्य धर्म आधारित थी ,उसमें सामाजिक समरसता थी।
सेवा केंद्र प्रभारी बीके नीता बहन ने मूल्य आधारित शिक्षा के पाठ्यक्रमो पर उनको बताया कि शांति, सम्मान ,प्रेम,सहिष्णुता , प्रसन्नता, सुख , उत्तरदायित्व, सहयोग, विनम्रता, ईमानदारी ,सादगी ,स्वतंत्रता एवं आपसी एकता पर हम लोग विस्तार से बच्चों को जानकारी देते हैं। और उनके आंतरिक्क शक्ति को विकसित करने के लिए योगाभ्यास भी कराते है। बहनों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को ईश्वरीय सौगात भेट किया।
विगत चार दिनों से अरेराज अनुमंडल के विभिन्न स्कूलों में नैतिक शिक्षा का वर्ग चलाया जा रहा है। स्कूलो में वर्ग चलाने के दौरान ब्रह्माकुमारी भाई बहनों की टीम मे शामिल सिकटिया निवासी एवं मुंबई के प्रसिद्ध उद्योगपति बीके शशि भाई ने बताया कि छात्र-छात्रायें बड़े ही चाव एवं गंभीरता से बातो को सुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मूल उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से नैतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करना है।मुजफ्फरपुर से पधारे सीए बीके प्रफुल्ल भाई ने कहा कि मूल्य के बिना जीवन अधूरी है वर्तमान शिक्षा प्रणाली आज बहुत संपन्न तो हुआ है लेकिन समाज में हो रहे मूल्यों मे ह्रास का प्रभाव वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर भी पड़ा है। बीके नीता बहन ने कहा कि देश में लागू वर्तमान शिक्षा प्रणाली अंतर्गत स्कूली छात्र सिर्फ अपने पाठ्यक्रमों पर ही केंद्रित रहते हैं। नियमित पाठ्यक्रमों को ग्रहण करने के लिए तथा देश एवं समाज के प्रति दायित्व बोध उत्पन्न करने के लिए हम लोग इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्र-छात्राओं में अलौकिक शक्ति भी भरते हैं जिससे वे बेहतर नागरिक बन राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी दे सके। उन्होंने कहा कि भारत कभी सोने का चिड़िया ऐसे ही नहीं था। सभी दैवी गुण संपन्न थे इसलिए भारत विश्व गुरु कहलाया था। ब्रह्माकुमारी शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे मूल्य आधारित शिक्षा पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को आध्यात्मिक शक्ति संपन्न बनाना है। कहा कि इस ईश्वरीय अभियान का छात्र-छात्राओं पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षक भी बड़े चाव से इसे ग्रहण कर रहे हैं और अपने पाठ्यक्रमों में अतिरिक्त समय देकर मूल्य आधारित इस शिक्षा को अपने स्कूलों में चलाने का आश्वासन भी दे रहे हैं।
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