अशोक वर्मा
मोतिहारी : आदापुर के बथुअहिया गांव निवासी संघर्षशील व्यक्तित्व वीरेंद्र प्रसाद सिंह कुशवाहा 1971 में आदापुर क्षेत्र में गरीबों के मसीहा के रूप में उभरे। उन्होंने दमन ,उत्पीड़न, आदि के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी ,परिणाम हुआ कि आपातकाल में इन पर डीआईआर लगा और 6 माह तक जेल में रहे ।कई गलत मुकदमों में इनको फंसाया भी गया । सत्य की जीत होती है, यह कहावत इन के साथ चरितार्थ हुआ ।इनपर लदे सभी मुकदमे धीरे धीरे समाप्त हुए। सन् 2000 ईस्वी में ये अपनी सेवा और संघर्ष के बदौलत निर्दलीय विधायक के रुप में आदापुर विधानसभा क्षेत्र से विजई होकर । लालू प्रसाद की सरकार को समर्थन दिया परिणाम यह हुआ कि लालू जी ने इनको शिक्षा राज्य मंत्री बनाया।इस तरह से संघर्ष को मंजिल मिली और बहुत कुछ सेवा करने का मौका मिला। अपने कार्यकाल में इन्होंने शिक्षा जगत में बहुत से ऐसे काम किये जिसपर किसी भी मंत्री ने ध्यान नही दिया ।चाहे वह शिक्षक बहाली हो या शिक्षा में गुणवत्ता का मामला हो, दोनों क्षेत्र को इन्होंने सुदृढ़ किया ।समय बदलता गया और वीरेंद्र कुशवाहा पूर्व विधायक के रुप में पार्टी को समर्थन देते रहे। अभी कुछ दिनों पहले जब उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोडी उसके बाद जदयू के कुशवाहा वोट बैंक को तोड़ने का प्रयास हुआ लेकिन सफलता नही मिली। बिहार में कुशवाहा जाति मे बहुत से ऐसे मजबूत स्तंभ है जिनके कारण कुशवाहा समाज नहीं बंट पाया बल्कि और हीं मजबूत हुआ।इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीरेंद्र कुशवाहा को तीन जिले का कुशवाहा राजनीतिक चेतना मंच का प्रभारी बनाया है। पूर्व मंत्री वीरेंद्र प्रसाद कुशवाहा ने समाज को गोलबंद करने का मुहिम चलाया ।पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण जिले के साथ-साथ बगहा पुलिस जिला में भी इन्होंने वृहत बैठक की। कुशवाहा समाज को मजबूती प्रदान करने का उन्होंने लगातार मुहिम चलाया ।सभी प्रखंडो का दौरा करके कुशवाहा समाज के समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया ,और आज भी इस कार्य को वीरेंद्र कुशवाहा बखूबी निर्वाहन कर रहे हैं।श्री कुशवाहा जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। श्री कुशवाहा आज भी अपने संघर्ष के दिनों को नहीं भूले हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश जी का मैं सिपाही हूं और उनके ईमानदार कार्य का मैं कायल हूं। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश बाबू समर्पित कार्यकर्ताओं के बड़े पारखी हैं ।
बहरहाल वीरेंद्र कुशवाहा जिनका उत्तर विहार मे मजबूत जनाधार है,को संगठन की बडी जिम्मेदारी देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूरदर्शिता का परिचय दिया है।वीरेंद्र कुशवाहा संघर्ष से निकले एक मजबूत जमीनी नेता है।इसके साथ -साथ अच्छे संगठनकर्ता भी है,इसका लाभ आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव मे निश्चित हीं जदयू को मिलेगी।