- जिले के 26 प्रखंडों में सिंथेटिक पायरोथायराइड का छिड़काव कर होगा कालाजार उन्मूलन
- प्रभावित स्थानों पर छः फीट तक छिड़काव करेंगे दलकर्मी
मोतिहारी। कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छिड़काव दल के गठन के साथ ही कर्मियों को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि प्रशिक्षित होकर वे सही मात्रा में दवा छिड़काव कर कालाजार के वाहक बालू मक्खियों को समाप्त कर जिले को कालाजार रहित बना सकें। इस संबंध में जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि जिले के 26 प्रखंडों ( घोड़ासहन को छोड़कर ) में चिह्नित स्थानों पर आईआरएस दूसरे चक्र का छिड़काव प्रारम्भ होगा, जो अगले 60 कार्य दिवस तक चलेगा। इस अभियान की सफलता के लिए बैनर, पोस्टर व मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएगा।
प्रभावित स्थानों पर छः फीट तक होगा छिड़काव:
भीबीडीसीओ डॉ शर्मा एवं पिरामल के डीपीओ मुकेश कुमार ने बताया कि कालाजार प्रभावित स्थानों में घरों की दीवारों, गौशाला व अन्य स्थानों पर छः फीट तक दलकर्मी छिड़काव करेंगे। उन्होंने लोगों से घरों के आसपास साफ सफाई करने की बातें बताई है। वहीं भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने कालाजार के लक्षण की जानकारी देते हुए कहा बालू मख्खी के काटने से कालाजार होता है। जिसमें 14 दिनों से अधिक बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा सूखी, पतली होना आदि कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है। ऐसे रोग के लक्षण होने पर सरकारी अस्पताल में जाँच कराएं। इलाज व दवाओं की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध है।
सदर पीएचसी में हुआ प्रशिक्षण:
मोतिहारी सदर पीएचसी में दल कर्मियों का प्रशिक्षण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें 35 कर्मियों को छिड़काव से सम्बंधित प्रशिक्षण भीबीडीएस हरेंद्र बैठा द्वारा दिया गया। जहाँ मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक संध्या कुमारी, शिविर प्रभारी विनोद राम व अन्य लोग उपस्थित थे। वहीं जिले के मोतिहारी, कल्याणपुर, केसरिया, कोटवा, हरसिद्धि, पकड़ीदयाल, आदापुर, नरकटिया व अन्य प्रखंडों में भी छिड़काव दलकर्मियों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है।