- जिला सभागार में टीबी मुक्त पंचायत की शुरू हुई पहल
- टीबी मुक्त पंचायत में बेहतर करने वालों को प्रोत्साहित करेंगे जिलाधिकारी
मुजफ्फरपुर। जिले में टीबी मुक्त पंचायत पहल की शुरुआत करने के लिए मंगलवार को समाहरणालय के सभागार में अंतर विभागीय बैठक सम्पन्न की गयी। इस बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने शुभ दीप के प्रज्ज्वलन से किया। मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र एवं ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर एवं ग्राम पंचायतों के सहयोग से टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में टीबी मुक्त पंचायत की पहल पंचायती राज व्यवस्था के तहत स्वस्थ गांव की परिकल्पना को साकार करेगी। इसके लिए पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जीविका और आईसीडीएस को एक होकर काम करना होगा। टीबी मुक्त पंचायत के लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग और टीबी की जांच की जाए। पंचायत स्तर पर टीबी को लेकर बैठक हो। टीबी के मरीजों को दवा रेगुलर खाने के लिए प्रेरित किया जाए व पंचायत स्तर पर एक एक व्यक्ति के स्वास्थ्य की जानकारी मिले ऐसी व्यवस्था बने। इसके अलावा जिलाधिकारी ने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत व प्रोत्साहित भी किया जाएगा। वहीं बैठक के दौरान जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सीके दास ने टीबी मुक्त पंचायत के लिए प्राथमिक कदम के लिए प्रत्येक प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दो दो प्रखंड को लक्षित करने का निर्देश दिया। वहीं इस वर्ष पंचायत स्तर पर कम से कम पांच सौ जांच करने का भी निर्देश दिया।
मुजफ्फरपुर का इंसिडेंस रेट कम:
बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने टीबी के इतिहास पर पर विस्तृत प्रकाश डाला और बताया कि टीबी मुक्त पंचायत के लिए जो इंसिडेंस रेट चाहिए जिला उसके आस पास ही स्थित है, ऐसे में हम इस लक्ष्य को जल्द ही प्राप्त कर सकते हैं। वर्ष 2023 में अभी तक 1973 टीबी मरीजों को चिन्हित किया गया है। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ के जिला कंसल्टेंट डॉ कुमार गौरव ने पीपीटी के माध्यम से टीबी मुक्त पंचायत के लिए विभिन्न मानक तथा मानदंडों को बताया तथा समझाया। बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा, एसीएमओ डॉ सुभाष प्रसाद सिंह, डीपीएम रेहान अशरफ, यक्ष्मा विभाग से मनोज कुमार, टीबी चौंपियन आरती कुमारी सहित सभी एमओआईसी, बीएचएम, एसटीएस तथा एसटीएलएस मौजूद थे।
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