पटना : राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों को आवासीय सुविधा प्रदान करने के लक्ष्य पर तेजी से कार्य कर रही है। 2011 के सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना) के आधार पर बनी प्रतीक्षा सूची में अब भी लगभग 13 लाख परिवार गृह निर्माण के लिए प्रतीक्षित हैं। इनमें से 2 लाख 43 हजार परिवारों के घरों की स्वीकृति इस वर्ष दी जा चुकी है और उन्हें प्रथम किस्त के बाद द्वितीय एवं तृतीय किस्त जारी की जा रही है। इन घरों को मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
2025 तक 5.5 लाख परिवारों को मिलेगी आवासीय स्वीकृति:
बचे हुए 11 लाख परिवारों में से 5.5 लाख परिवारों को मार्च 2025 तक गृह निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने की योजना है, जबकि शेष परिवारों को 2025-26 के दौरान स्वीकृति दी जाएगी। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी पात्र परिवारों को अगले 3-4 वर्षों में पक्का मकान उपलब्ध कराया जाए।
नवीन परिवारों और छूटे हुए लाभार्थियों के लिए सर्वेक्षण जारी:
2011 के बाद बने नए परिवारों और छूटे हुए लाभार्थियों को आवास योजना का लाभ देने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत समग्र सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में सर्वेक्षक नियुक्त किए गए हैं, जो मोबाइल ऐप आधारित डिजिटल तकनीक से पात्र परिवारों का सर्वेक्षण कर रहे हैं। अब तक करीब 6 लाख परिवारों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जिसमें 1 लाख परिवार अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। शेष सर्वेक्षण कार्य फरवरी 2025 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना से भी मिलेगा लाभ:
यदि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत कोई पात्र परिवार छूट जाता है तो उसे मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत आवास की सुविधा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, जिन परिवारों के पास घर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री गृह स्थल क्रय योजना” के तहत 1 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
लाभार्थियों को दी जा रही वित्तीय सहायता:
गृह निर्माण कार्य को तेज़ गति देने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को 1 लाख 20 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। इसके अलावा, मनरेगा के तहत श्रम घटक की सुविधा और शौचालय निर्माण* के लिए भी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। यह गृह निर्माण कार्य लाभार्थियों द्वारा स्वयं किया जाएगा।
राज्य में तेजी से बढ़ रहा पक्के मकानों का दायरा:
राज्य सरकार के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों की संख्या में भारी कमी आई है। बीते 20 वर्षों में जहां बड़ी संख्या में झोपड़ियां और फूस के घर देखने को मिलते थे, वहीं अब अधिकतर मकान पक्के और छतदार हो गए हैं।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से होगा भुगतान, अनियमितता पर होगी कार्रवाई:
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी लाभार्थियों को राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से दी जाएगी। यदि किसी स्तर पर कमीशनखोरी या अनियमितता की शिकायत मिलती है तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
2025-26 तक सभी ग्रामीण परिवारों को मिलेगा आवास:
राज्य सरकार ने ग्रामीण परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए एक सघन अभियान शुरू किया है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2025-26 तक सभी पात्र परिवारों को आवास उपलब्ध करा दिया जाएगाताकि कोई भी परिवार बेघर न रहे।
