अशोक वर्मा
मोतिहारी : सत्यानंद योग एवं आयुर्वेद अनुसन्धान संस्थान मोतिहारी को राष्ट्रीय आयुर्वेद विधापीठ तहत आयुर्वेद ट्रेनिंग एक्रीडिटेशन बोर्ड ,आयुष मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा आयुर्वेद प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आयुष डॉक्टर के लिए पंचकर्म में हायर प्रोफिशिएंसी कोर्स तथा 10 + 2 के उत्तीर्ण छात्रों के लिए पंचकर्म टेक्निशियन कोर्स के लिए मान्यता दी गई है । उक्त बातें आयुर्वेद कॉलेज में संचालित केंद्र के डायरेक्टर डॉक्टर ब्रजेशवर मिश्रा ने आयोजित कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयुर्वेदिक विद्यापीठ के तहत आयुर्वेद ट्रेनिंग एवं एक्रीडिटेशन बोर्ड आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिसंबर 2019 के राजपत्र अधिसूचना के तहत स्थापित एक बोर्ड है जो भारत एवं विदेशों में संचालित आयुर्वेद प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को मान्यता देता है जो नेशनल कमिशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन एक्ट 2020 जिसे पहले भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम 1970 के रूप में जाना जाता था ,के दायरे में नहीं आता है ।यह एक्रीडिटेड संस्थान रविंद्र नाथ मुखर्जी आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल परिसर मोतिहारी में संचालित हो रहा है। आयुर्वेद ट्रेनिंग एग्रीडिटेशन बोर्ड आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने पंचकर्म पाठ्यक्रमों में स्टैंडराइजेशन यूनीफारमिटी क्वालिटी एवं क्षमता तथा विश्वसनीयता स्थापित करने हेतु हाइब्रिड अर्थात ऑफलाइन ऑनलाइन मोड़ से पाठ्यक्रम संचालित करने की स्वीकृति प्रदान किया है जिससे स्थानीय एवं देश विदेश के इच्छुक अभ्यर्थी पन्चकर्म थिरेपी में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। आयुर्वेद ट्रेनिंग एक्रीडिटेशन बोर्ड ने बिहार में एकमात्र इंस्टिट्यूट को पंचकर्म थिरेपी में प्रशिक्षण देने के लिए अधिकृत किया है ।इस पाठ्यक्रम का संचालन डॉक्टर नरेंद्र कुमार सहायक प्राध्यापक, डॉक्टर आलोक कुमार सहायक प्राध्यापक, डॉक्टर अनिल कुमार सिंह सहायक अध्यापक, डॉक्टर उत्तम कुमार पंचकर्म चिकित्सा पदाधिकारी, डॉक्टर नेहा पंचकर्म चिकित्सा पदाधिकारी के अतिरिक्त अन्य पंच कर्म विशेषज्ञो के द्वारा किया जा रहा है ।प्रशिक्षित पंचकर्म चिकित्सा पंचकर्म थेरेपी के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य संरक्षण तथा असाध्याय रोगों का चिकित्सा करने में सक्षम हो सकेंगे संस्थान पंचकर्म टेक्निशियन कोर्स के छात्रों को क्रेडिट प्रदान करता है जो उसके भविष्य के करियर के लिए फायदेमंद हो सकता है ।आयोजित समारोह मे वरिष्ठ आयुर्वेदिक डॉक्टर शशि भूषण,, एलोपैथिक के प्रख्यात फिजिशियन डॉक्टर अतुल कुमार ,डॉ आलोक कुमार ,डॉक्टर अनिल, डॉ संजय सिंह के अलावा अन्य डॉक्टर उपस्थित थे। कार्यक्रम के शुभारंभ में अपने संबोधन डा आलोक मिश्रा ने कहा कि आयुर्वेद चाहता है कि बीमारी ना हो । संयमित जीवन शैली को अपनाकर अगर लोग चले तो बीमारी होगी ही नहीं। हर घर के रसोई घर में उपलब्ध तमाम मसाले आयुर्वैदिक दवा है उसका अनुपात सही कर सेवन करने से बीमारी होगी ही नहीं। फिर भी अगर बीमारी होती है तो आयुर्वेद चिकित्सा अपने आप में काफी मजबूत और समृद्ध है। पंचकर्म विधि द्वारा शरीर का शोधन कर बीमारी को जम्मू से समाप्त किया जाता है। पर्यावरण असंतुलन का भी प्रभाव शरीर पर पडता है। मिलावटी सामग्री, रसायनिक खाद आधारित उपजे अन्न बीमारी पैदा कर रहे है जिसका इलाज आयुर्वेद में अति सहज और कारगर है।उपस्थित डॉक्टरो ने भी संबोधित किया।
