- सम्बन्धित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कराया जाएगा इनका उपचार
- 18 प्रखंड से संकलित 10 हजार 600 लोगों के रक्त की हो रही जाँच
बेतिया : फाइलेरिया (हाथी पाँव) रोग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में 22 नवंबर से चलाए गये नाइट ब्लड सर्वे में 18 प्रखंड से 10 हजार 600 लोगों के रक्त नमूने लिए गए थे, जिनकी लैब टेक्निशियन द्वारा जाँच की जा रही है। इस दौरान कई प्रखंड के लोग फाइलेरिया के परजीवी से संक्रमित पाए गए हैं। जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। इसके कृमि मानव शरीर के अन्दर जाकर लसिका तंत्र को बर्बाद कर देते हैं। जिसके फलस्वरूप प्रभावित अंग में सूजन होने लगता है। यह अधिकतर पैर, हाथ, स्तन तथा जननांगों को प्रभावित करता है। पैर में सूजन इस तरह बढ़ जाता है कि पैर हाथी के पैर जैसे मोटे हो जाते हैं, इसलिए इसे हाथीपाँव कहते हैं।
अब तक 84 मरीज फाइलेरिया से संक्रमित पाए गए:
जिले के भीडीसीओ प्रशांत कुमार ने बताया कि रक्त नमूनों की जाँच में अब तक 84 लोग फाइलेरिया से संक्रमित पाए गए हैं, जिन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक की देखरेख में दवाओं का कोर्स कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक 10 केस मधुबनी प्रखंड से मिला है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर फाइलेरिया के प्रसार दर का पता लगने के बाद लोगों को जागरूक करते हुए आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा।
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