जिले में नाईट ब्लड सर्वें की हुईं शुरुआत, खोजे जा रहे हैं फाइलेरिया के संभवित मरीज

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  • रात्रि 8:30 से 12:30 तक की जा रही है जाँच 
  • 2870 लोगों की हो चुकी है जाँच 
बेतिया : फाइलेरिया की रोकथाम के लिए जिले भर के सभी 18 प्रखंडो में उत्सवी माहौल में नाईट ब्लड सर्वें कार्यक्रम की शुरुआत की गईं है। बेतिया में रात्री पट्ट संग्रह का शुभारंभ रैंडम साइट अम्बेडकर नगर से अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा ने किया। मौके पर डॉ चंद्रा ने कहा की 30 नवंबर तक कार्यक्रम चलने वाला है जिसमे फलेरिया रोगी के पहचान के लिए पश्चिम चम्पारण के सभी 18 ब्लॉक के  रैंडम एवं तथा सेंटीनल साइट से 300-300 स्लाइड लेना है। जिसके जाँच उपरांत फलेरिया रोगी की पहचान हो पाती है। इसके लिए टीमें बनाई गई हैं, जो रात में लोगों के खून का सैंपल लेकर फाइलेरिया संक्रमण का पता लगाएंगे, क्योंकि इसका जीवाणु माइक्रोफाइलेरिया रात में ही सक्रिय होता है। जिले के भीडीसीओ प्रशांत कुमार ने बताया कि हर ब्लॉक के दो क्षेत्रों से रक्त के नमूने लिए जाएंगे। इसमें एक क्षेत्र वह होगा, जिसमें पूर्व में फाइलेरिया रोगी मिले हों। उन्होंने बताया कि इसमें 20 साल से अधिक आयु की महिलाओं एव पुरुषों का सैंपल लिया जाएगा। सैंपल लेकर रक्त पट्टिका बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य फालेरिया रोगी मिलने पर उसका तत्काल इलाज मुहैया कराकर जिले को इस रोग से मुक्त बनाना है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की 2870 लोगों की जाँच की जा चुकी है। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो कभी ठीक नहीं होता है। इसे समय पर पहचान कर इसके प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षण है कई दिन तक रुक-रुक कर बुखार आना। शरीर में दर्द एवं लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन, हाथ, पैरों में सूजन (हाथी पांव) एवं पुरुषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील) वहीं महिलाओं के ब्रेस्ट में सूजन। शुरुआती दिनों में पैरों में सूजन रहती है और रात में आराम करने पर कम हो जाती है। संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण पांच से 15 साल तक में दिख सकते हैं।
फाइलेरिया से बचाव के उपाय:
लक्षण लगने पर समय से जांच कराकर इलाज शुरू कर दें। साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान दवा सेवन लगातार पांच वर्ष तक हर साल कर बचा जा सकता है। फाइलेरिया के मच्छर गंदी जगह पर पनपते हैं। इसलिए मच्छरों से बचाव करें। साफ़ सफाई रखकर मच्छर से बचने के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
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