- जनमानस को मिलेगा सुरक्षित व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा
- राष्ट्रीय प्रमाणीकरण होने पर हर वर्ष मिलेंगे प्रोत्साहण राशि रूपये अस्पताल के उन्नयन पर खर्च
दरभंगा । जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को लेकर चयनित हेल्थ एंड वैलनेस यूपीएचसी राज कैंपस व यूपीएचसी खाजासराय राज्यस्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणित हो गया है. विदित हो कि इससे पूर्व राज्य स्तरीय टीम के द्वारा सुपरविजन किया गया था जिसमें एनक्यूएएस के सभी आठ पैरामीटर पर मार्किंग की गई. इसमें सभी पैरामीटर एनक्यूएएस के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है. क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कि राज्य स्तरीय सर्टिफिकेशन होने के बाद नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए सक्षम पोर्टल के माध्यम से अप्लाई किया जाएगा. उसके बाद केंद्रीय टीम के द्वारा वर्चुअल या फिजिकल मोड में असेसमेंट किया जाएगा. 70% से ऊपर स्कोर मिलने पर नेशनल सर्टिफिकेशन मिलेगा. इसके बाद प्रतिवर्ष इस हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को प्रोत्साहण राशि दी जाएगी जिसका अस्पताल के उन्नयन में खर्च किया जाएगा.
सात फैसिलिटी पर अस्पताल को किया गया है तैयार:
डीसीक्यूए शाकिर सिद्दीकी ने बताया कि हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर एचडब्लूसी यूपीएचसी राज्य कैंपस व खाजासराय में सात फैसिलिटी को सुदृढ़ किया गया है जिसमें टीकाकरण, ओपीडी, ड्रग डिसटीब्यूशन (151 प्रकार की दवा), एमसीडी जांच (14 प्रकार की जांच), साफ सफाई, वैलनेस, डे केयर (फर्स्ट एड की सुविधा) को सुदृढ़ किया गया है.
एनक्यूएएस के लिए इस तरह होता है अस्पतालों का मूल्यांकन:
एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए प्रथम स्तर पर इंटरनल असेसमेंट, उसके बाद राज्य स्तरीय टीम के द्वारा मूल्यांकन किया जाता है. राज्य स्तरीय टीम के संतुष्ट होने पर केंद्रीय टीम को जांच के लिए आवेदन किया जाता है. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन के लिए अस्पतालों का 8 मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही भारत सरकार द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मिलने वाली 12 तरह की सेवाओं पर दिखेगा असर :
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों को एनक्यूएएस का प्रमाणीकरण मिलने पर वहां मिलने वाली 12 तरह की सेवाओं पर असर दिखता है। एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाली एक्टिविटी का विस्तार होता है। इससे पेशेंट सटिस्फैक्टरी सर्वे से संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होगा। केंद्र पर इंफ्रा का विकास होगा, जिसका सीधा असर वहां के स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा। स्वस्थ माहौल का निर्माण होगा जो स्वास्थ्य के चहुंमुखी विकास के लिए जरूरी है।