चंपारण प्रेस क्लब एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 19 अक्टूबर 2024 को “एथिक्स ऑफ जर्नलिज्म” विषय पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों पर गहन चर्चा की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरव जोरवाल, पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात, नगर आयुक्त सौरभ सुमन यादव, अनुमंडल पदाधिकारी श्वेता भारती और जनसंपर्क पदाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश,चंपारण प्रेस क्लब के अध्यक्ष चंद्रभूषण पांडेय और ज्ञानेश्वर गौतम द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई।
इस सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ. राकेश उपाध्याय (निदेशक, भाषा पत्रकारिता विभाग, भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली), डॉ. अंजनी कुमार झा (विभागाध्यक्ष, मीडिया अध्ययन विभाग), परमात्मा कुमार मिश्रा (सहायक प्राध्यापक) और वरिष्ठ पत्रकार चंद्रभूषण पांडेय एवं शशि शेखर सहित अन्य गणमान्य वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
1. डॉ. राकेश उपाध्याय (निदेशक, भाषा पत्रकारिता विभाग, भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली):
डॉ. उपाध्याय ने पत्रकारिता में नैतिकता और जिम्मेदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य सच्चाई को उजागर करना और समाज को सही जानकारी प्रदान करना है। आज के समय में फेक न्यूज़ और पक्षपाती रिपोर्टिंग से बचना आवश्यक है, और पत्रकारों को निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा का पालन करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता के छात्रों को भी यह सिखाने पर जोर दिया कि नैतिकता ही इस पेशे का आधार है।
2. डॉ. अंजनी कुमार झा (विभागाध्यक्ष, मीडिया अध्ययन विभाग):
डॉ. झा ने अपने संबोधन में मीडिया की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता समाज का आईना है, और इसमें नैतिकता का स्थान सर्वोपरि है। उन्होंने यह भी बताया कि पत्रकारों को न केवल खबर की सटीकता पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि संवेदनशील मुद्दों को रिपोर्ट करते समय भी सामाजिक जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए।
3. परमात्मा कुमार मिश्रा (सहायक प्राध्यापक):
मिश्रा जी ने पत्रकारिता में तकनीकी विकास के प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में पत्रकारिता में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, लेकिन इन बदलावों के बावजूद नैतिक मूल्यों की आवश्यकता पहले से भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। सोशल मीडिया और त्वरित समाचार प्रसार के इस दौर में पत्रकारों को तथ्यों की जांच करने और सही जानकारी देने में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
4. चंद्रभूषण पांडेय (वरिष्ठ पत्रकार):
श्री पांडेय ने पत्रकारिता के व्यावहारिक पहलुओं पर जोर दिया और बताया कि किस तरह से आजकल की मीडिया बदलती परिस्थितियों में नैतिकता से समझौता कर रही है। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार के लिए यह आवश्यक है कि वह खबरों की रिपोर्टिंग करते समय सटीकता, ईमानदारी और जिम्मेदारी का पालन करे। उन्होंने पत्रकारों को संवेदनशील विषयों पर रिपोर्ट करते समय समाज के हितों का ध्यान रखने की सलाह दी।
5. शशि शेखर (वरिष्ठ पत्रकार):
शशि शेखर ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारिता समाज का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और इसका कर्तव्य है कि वह निष्पक्ष रूप से लोगों तक सच्चाई पहुंचाए। उन्होंने पत्रकारिता में नैतिकता को प्राथमिकता देने पर बल दिया और कहा कि पत्रकारों को हमेशा अपने पेशे में पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नैतिकता से ही पत्रकारिता की विश्वसनीयता बनी रहती है।
इन सभी वक्ताओं ने पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस बात पर सहमति व्यक्त की कि पत्रकारिता समाज की सेवा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जिसे ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ निभाना चाहिए।
वक्ताओं ने पत्रकारिता के नैतिकता से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें निष्पक्षता, सत्यता, जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग, और जनसेवा के मूल्यों पर जोर दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि पत्रकारिता समाज का एक सशक्त स्तंभ है, और इसमें नैतिकता का पालन अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर पत्रकारों, मीडिया विशेषज्ञों, और छात्रों की उपस्थिति से कार्यक्रम और भी सार्थक बना। सभी उपस्थितजनों ने इस आयोजन की सराहना की और पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों की महत्ता को समझने पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेश्वर गौतम द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया, जिन्होंने पूरे सेमिनार के दौरान वक्ताओं और श्रोताओं के बीच संवाद को सुगम और सारगर्भित बनाए रखा। उनके संचालन से कार्यक्रम को एक व्यवस्थित और प्रभावशाली दिशा मिली।
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