आगामी चन्द्रगुप्त साहित्य महोत्सव में सहभागिता हेतु कार्यक्रम समन्वयक की अध्यक्षता में एनएसएस पदाधिकारियों की बैठक आयोजित

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राजेश कुमार मिश्रा की रिर्पोट
  • कॉलेजों के सभी एनएसएस पदाधिकारी कॉलेज- कोऑर्डिनेटर के रूप में छात्रों एवं शिक्षकों की सहभागिता करेंगे सुनिश्चित- डॉ चौरसिया
  • उत्तर बिहार के दरभंगा में 18 से 20 अक्टूबर, 2024 तक होने वाले राष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन में मिथिला विश्वविद्यालय से हो अधिक से अधिक सहभागिता- डॉ विकाश
आगामी अक्टूबर माह के 18, 19 एवं 20 तारीख को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में  आयोजित होने वाले ‘चन्द्रगुप्त साहित्य महोत्सव’ में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों की शैक्षणिक एवं गुणात्मक सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्वविद्यालय कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया की अध्यक्षता में सभी एनएसएस पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई, जिसमें चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव के विश्वविद्यालय-समन्वयक डॉ विकाश कुमार तथा दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर एवं बेगूसराय स्थित कॉलेजों के कार्यक्रम पदाधिकारियों ने भाग लिया।
एनएसएस समन्वयक डॉ चौरसिया ने बताया कि यह आयोजन काफी वृहद है, जिसमें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के लब्ध प्रतिष्ठित चिंतक, विचारक एवं साहित्यकार आदि विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विषयों पर व्याख्यान देंगे। वहीं संध्या काल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत लोक नृत्य एवं गायन के साथ ही कवि सम्मेलन आदि का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी के आदेश से सभी कॉलेजों के एनएसएस पदाधिकारियों को अपने महाविद्यालय का समन्वयक नामित किया गया है, जिसकी अधिसूचना कुलसचिव  ने गत 28 सितंबर को निर्गत की है। सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं महाविद्यालय- समन्वयक अपने कॉलेज से बड़ी संख्या में छात्रों एवं शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।
चन्द्रगुप्त साहित्य महोत्सव के विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ विकाश कुमार ने बताया कि इस अवसर पर आलेख प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसके लिए आगामी 10 अक्टूबर तक ऑनलाइन पंजीयन एवं आलेख स्वीकार किए जाएंगे। पंजीयन ₹100 में होगा। सभी प्रतिभागी- छात्रों शोधार्थियों एवं शिक्षकों के लिए भोजन एवं आवास की निःशुल्क व्यवस्था आयोजन समिति द्वारा की जाएगी। स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्रों के लिए “2047, भविष्य के भारत की संकल्पना” विषय पर हिन्दी़ भाषा में कम से कम 2000 शब्दों में तथा शोधार्थी एवं प्राध्यापकों के लिए ‘भारतीय इतिहास में स्व का पुनर्जागरण’ विषय पर हिन्दी भाषा में कम से कम 3000 शब्दों में आलेख जमा होंगे। छात्रों के लिए प्रथम पुरस्कार 15,000, द्वितीय पुरस्कार 11,000 तथा तृतीय पुरस्कार 7,000 रुपए निर्धारित हैं, जबकि शोधार्थी एवं शिक्षकों के लिए क्रमशः 21 000, 15000 तथा 11000 की राशि निर्धारित हैं। वहीं प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। समन्वयक ने बताया कि आलेख पीडीएफ फॉर्म में 10 एमबी तक का ही भेजेंगे, जबकि कॉलेज का विज्ञापन वर्ड फाइल या पावर पॉइंट में ईमेल के माध्यम से 10 अक्टूबर तक निश्चित रूपेण मेल कर देंगे।
इस आभासी बैठक में डॉ शंकर कुमार, डॉ सुनील कुमार, डॉ अरुण कुमार, डॉ शबनम कुमारी, प्रो शिव नारायण राय, डॉ रश्मि कुमारी, डॉ वृंदावन लाल, डॉ प्रकाश चन्द्र, डॉ शगुफ्ता खानम, डॉ संतोष कुमार, डॉ सुभाष चन्द्र यादव, प्रो सुभाष चन्द्र राय, डॉ सुनील कुमार, डॉ प्रेम कुमारी, डॉ बिभा कुमारी, डॉ बबीता कुमारी, डॉ महेश कुमार चौधरी, डॉ एम एम हुसैन, डॉ प्रकाश चन्द्र यादव, डॉ के कुमार, प्रो शशि शेखर द्विवेदी, डॉ सोनू राम शंकर तथा डॉ कुमार नरेन्द्र नीरज आदि उपस्थित थे।
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