गया। पितृपक्ष मेला 2024 दिनांक 17 सितंबर से प्रारंभ है। आज और कल दो दिनों तक देवघाट एव सीताकुंड में पिंड दान करने का परंपरा है। अत्यधिक भीड़ रहने की पूरी संभावना है। शनिवार को भी सीताकुंड एव देवघाट एव मंदिर प्रांगण में काफी भीड़ देखी गयी है। डीएम गया डॉ० त्यागराजन एसएम सीताकुंड पहुच कर मेला क्षेत्र में यात्रियों को दिए जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया है। इसी बीच पिंडदान करने आये दूसरे दूसरे राज्यो,जिलों आदि के लोगो से डीएम ने व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लेते रहें। यकीनन यात्रियों को गयाजी की व्यवस्थाओं को काफी सराहा है। यात्रियों ने कहते फिरे की गयाजी में सुखद अनुभूति मिली हैं। राज्य सरकार ने इतनी बड़ी मेला में हर एक तीर्थयात्रियों को ध्यान में रख कर उनकी सुविधाएं के अनुरूप तैयारी किया है।जो हम सभी यात्रियों को काफी मदद मिल रहा है।
मध्यप्रदेश से आये 63 वर्षीय यमुना पाटीदार ने अपने परिवार के साथ यहां पिंड दान करने आये, वह टेंट सिटी में रुके, टेंट सिटी की भी व्यवस्थायो को देखा और महसूस किया है ।इसके अलावा वो हर जगह जगह पर मेडिकल शिविर को देख काफी प्रसन्नता जाहिर किया है। क्योंकि इस मौसम में ज्यादा लोग बीमार होते हैं और तीर्थयात्री अधिकांश वृद्धजन होते हैं, उसमे भी तर्पण के लिये भूखे प्यासे रह कर तर्पण करते हैं, लाजमी है कि उन को चिकित्सा सेवा की जरूरत पड़ेगी, इसी बात को महसूस किया और देखा कि हर जगह जगह मेडिकल कैम्प है। राज्य सरकार को इसके लिये काफी बधाई दिया है, जिन्होंने पूरे प्रशासन तंत्र को लगाकर इतनी बड़ी मेला को आयोजित किया है।राजस्थान से राधेस्वर बैठा नाम के पिंडदानी ने कहा कि देवघाट से मंदिर आने का रास्ता काफी संक्रिन है।इस गली में लगातार भीड़ पार कर रही है बाबजूद सभी पूरी तरह कतार में जा रहे हैं। इसके अलावा मंदिर दर्शन के लिये बाहर से ही लाइन लगा है और धीरे धीरे लोग दर्शन कर रहे। मंदिर प्रांगण भी काफी संक्रिन है।बाबजूद प्रशासन की व्यवस्था काफी चुस्त दुरुस्त है, जो इतनी हैवी क्राउड को भी पूरी तरह सही ढंग से मेंटेन करते हुए उन्हें मंदिर दर्शन पश्चात प्रॉपर निकासी तक करवा रहा है। यह पूरी तरह एक अपने आप मर चैलेंग्जींग रहता है। डीएम ने सीता कुंड और देवघाट घूमते हुए दंडाधिकारी, पुलिस कर्मियों एव स्वयं सेवाई बच्चो को भी हौसला अफजाई करते हुए कहा कि जिस तरह आपने मेला के प्रथम दिन से अब तक अपना उत्कृष्टता दिखाया है।उसी प्रकार अब अंतिम चार दिन और शेष बचे हैं ,पूरी लग्न और मेहनत से मेला को पूरी सफल बनायें, आप सभी की अहम योगदान रहेगा। इस वर्ष का यह मेला अपने आप मे यादगार बनेगा। डीएम ने जगह जगह रूक कर पुलिस के जवानों से भी जानकारी लेते रहें हैं।कोई कमी बताए जाने पर तुरंत तुरंत दुरुस्त करवाते रहे हैं। डीएम ने रुक रुक कर व्हीलचेयर की मदद से तारों करने जा रहे तीर्थयात्रियों से भी बात चीत किया। उन्होंने ने भी व्यवस्थाओ को सराहा है। मंदिर के बाहर एव मंदिर के अंदर काफी भीड़ को देख डीएम सुबह से दोपहर 12 बजे तक मंदिर के मंडप द्वार, मंदिर गर्व गृह, सोलह वेदी, मंदिर के निकास द्वार, मंदिर के एंट्रेंस गेट आदि में लगातार खड़े रहकर घूम घूम कर पिंडदानियों को कतार में एंट्री, मंदिर दर्शन आदि करवाते रहे। जहां कहि एक जगह भीड़ का मूवमेंट चौक हो जाता, तुरन्त वहां उस पॉइंट पर पहुच कर भीड़ को मूवमेंट करवाते रहे। यही सिलसिला दोपहर 12 बजे तक चलता रहा है। सोलह वेदी और मंदिर गर्व गृह में अधिक भीड़ को देखते हुए ज़िले के वरीय अधिकारियों द्वारा भी लगातार भीड़ को मूवमेंट करवाते रहे हैं। उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर, वरीय उप समाहर्ता अभिषेक, वरीय उप समाहर्ता मनीष, अपर पुलिस अधीक्षक, सहित पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा भी लगातार क्राउड कंट्रोल किया जा रहा है।मंदिर गर्वगृह एवं सोलह वेदी के समीप क्राउड कंट्रोल काफी चैलेंजिंग रहता है।जिसे काफी अच्छे से पदाधिकारी द्वारा निष्पादित किया जा रहा है। डीएम संवाद सदन समिति में बनाये गए मेला नियंत्रण कक्ष को जाकर देखा, आने वाले फ़ोन कॉल्स के बारे में विस्तार से जानकारी लिया, कॉल्स मध्यम से आने वाले शिकायतें या समस्याओं का समाधान की स्थिति के बारे में जानकारी लिया है। नियंत्रण कक्ष द्वारा अच्छे रिस्पॉन्स को लेकर जिला पदाधिकारी ने खुशी जाहिर करते हुए हौसला अफजाई किया कि अगले चार दिन और शेष मेला बचे हैं।उसे पूरे मुस्तादी से संपन्न करावे।
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