पीके के खिलाफ उल जलूल बयानबाजी से परहेज़ करे राजद : संजय ठाकुर

Live News 24x7
4 Min Read
  •  अपने ढहते घर से मानसिक दिवालिया हो गये राजद प्रवक्ता 
पटना । प्रदेश राजद नेताओं का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है जिस कारण कभी उनके प्रदेश अध्यक्ष तो कभी उनके प्रवक्ता जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर जी पर अमर्यादित टिप्पणी और ऊल- जलूल बयानबाजी कर रहे हैं। जन सुराज इसकी तीव्र निन्दा करता है और ऐसे बयानों से बाज़ आने की अपील करता हैं।
आज़ यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव को उक्त नसीहत देते हुए कहा है कि परिवार वादी पार्टी राजद को जनता पहले ही रिजेक्ट‌ कर चुकी हैं और अब नेता – कार्यकर्ता भी साथ छोड़ रहे हैं। इसके लिए जन सुराज पर राजद की चाकरी कर रहे कुछेक नेताओं का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है। वैसे उनका बयान राजद की मानसिकता और स्वभाव का ही प्रतिनिधित्व करता है। राजद से भ्रष्टाचार, अपराध और असंसदीय कार्यों के अतिरिक्त और क्या उम्मीद की जा सकती है। ज्ञात हो कि राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कल मीडिया को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर कई अभद्र टिप्पणियां की थी।
जन सुराज ने कहा है कि उनके सुप्रीमो को न्यायालय द्वारा इतनी सजा मिलने के बाद भी अभी तक राजद प्रवक्ता का होश ठिकाने नहीं आया है। उक्त बातें आज़ यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कही है।‌ श्री ठाकुर ने कहा है कि जबसे राजद सुप्रीमो ने सभी वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा कर नौवीं फेल तेजस्वी यादव को पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित किया है तब से सीनियर और राजद के स्वाभिमानी नेताओं के भीतर खलबली मच गयी है। अब बुजुर्ग नेताओं को भी नौवीं फेल तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चाकरी करनी पड़ रही है। शक्ति सिंह यादव समेत उन सरीखे नेताओं के पास अगर थोड़ा भी स्वाभिमान और थोड़ी भी ज़मीर बची हुई है तो तेजस्वी के नेतृत्व पर पुनर्विचार करना चाहिए। दुनिया जानती है कि उनके सुप्रीमो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं और न्यायालय से सजायाफ्ता भी है।‌ राजद का आतंक राज़ पन्द्रह वर्षों तक बिहार ने बखूबी देखा है। आज़ भी सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी, अपराधी, अपहरणकर्ता,बालू माफिया,शराब माफिया, परीक्षा पत्र लीक करने वाले माफियाओं का जमावड़ा राजद में ही देखा जाता है।
राजद में मुस्लिम समाज और यादव समाज सदैव उपेक्षित रहे हैं। राजनीति में, सत्ता में और संगठन में उन्हें कहीं सम्मान नहीं दिया गया। सभी महत्वपूर्ण पदों पर परिवार जनों का हीं कब्जा बना हुआ है। आज़ राजद के वरिष्ठ नेताओं में तेजस्वी यादव के उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद आत्मग्लानि है। उनके मन में यह सवाल लगातार उठ रहा है कि क्या  राजद में कोई मुस्लिम या यादव उनसे अधिक पढ़ा लिखा नहीं है जिसे नेतृत्व सौंपा जाए?  क्या एक ही परिवार के लोगों को सभी राजनीतिक शक्तियां सौंप दी जाए? क्या बिहार में पढ़े लिखे लोगों का कोई सम्मान नहीं है?
इन तमाम कारणों से राजद के अंदर भूचाल मचा हुआ है और लोग वहां से भागकर प्रशांत किशोर के नेतृत्व में शामिल हो रहे हैं।
108
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *