गया । अनुग्रह मेमोरियल महाविद्यालय, गया के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में बुद्ध पूर्णिमा के पूर्व संध्या पर “वर्तमान समय में बुद्ध की शिक्षाओं की प्रासंगिकता” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया है। इस अवसर पर कई शिक्षकों ने व्याख्यान दिया एवं एन एस एस के स्वयंसेवकों ने “अशोक का हृदय परिवर्तन” नाटक का मंचन किया। अपने संबोधन में डॉ अमृतेंदु घोषाल, विभागाध्यक्ष, अंग्रेजी विभाग ने बुद्ध धर्म को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करते हुए पूरे विश्व में उसके प्रसार तथा विभिन्न रूपों को रेखांकित किया है। डॉ दिलीप कुमार, विभागाध्यक्ष, पाली विभाग ने पाली के सूत्रों का उदाहरण देते हुए महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला गया है। डॉ पार्थ सारथी, सह-प्राध्यापक, इतिहास विभाग ने महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं के वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक आयामों पर अपनी बात रखी। डॉ श्वेता सिंह एन एस एस पदाधिकारी एवं विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग ने पावरपॉइंट के माध्यम से महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर चर्चा की गई है। अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रभारी-प्राचार्य डॉ अनंत कुमार सिंह ने बुद्ध के संदेश पर प्रकाश डाला एवं सभी विद्यार्थियों को ज्ञान एवं अनुशासन के प्रति प्रेरित किया है। इसके उपरांत “अशोक का हृदय परिवर्तन” नाटक का मंचन एनएसएस स्वयंसेवकों के द्वारा किया गया है। इस कार्यक्रम में प्रो राजेश कुमार सिंह विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग, डॉ किशोर कुमार पासवान विभागाध्यक्ष राजनीति शास्त्र विभाग, डॉ पूनम कुमारी विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग, डॉ निधि त्रिपाठी सहायक- प्राध्यापिका रसायन शास्त्र विभाग एवं डॉ प्रवीण कुमार सिंह विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान विभाग उपस्थित थे। कार्यक्रम में एन एस एस स्वयंसेवक काजल, आरोही, सोनाली, सुप्रिया, आयुषी, प्रिया, आस्था, गुंजन, शांभवी, शिवम, अजीत, सुजीत, राजा, विक्रम, नागेंद्र, प्रीतम, गौतम, गौरव एवं कार्तिक ने भाग लिया है। मंच संचालन प्रियांशु ने किया है। इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया है।
90