बिहार के बाहुबली लीडर और मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह को 15 दिन की पैरोल मिल गई है. रविवार सुबह चार बजे वह बेऊर जेल से बाहर निकले. जेल के बाहर समर्थकों ने फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया, जिसके बाद वह गाड़ी में बैठकर सीधे अपने गांव की तरफ निकल गए. राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने अनंत को अपनी पुश्तैनी जमीन जायदाद के बंटवारे के लिए 15 दिनों की पैरोल दी है.
अनंत सिंह, मौजूदा वक्त में पटना की बेऊर जेल में सजा काट रहे हैं. अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है. अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी. तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, परिवार में जमीन के बटंवारे को लेकर अनंत सिंह ने पैरोल की अर्जी दी थी. रविवार को अल सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था. जेल से बाहर आते ही वो मुस्कुराते हुए दिखे. आंखों पर काला चश्मा पहना था. समर्थकों का अभिवादन स्वीकार कर वो गाड़ी में बैठे और वहां से निकल गए.
अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह वर्तमान में राजद की विधायक हैं. बिहार में वर्तमान में लोकसभा का चुनाव चल रहा है. चौथे चरण 13 में को बिहार के मुंगेर में लोकसभा के चुनाव का मतदान होना है. इसे लेकर भी अनंत सिंह के जेल से बाहर आने को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
अनंत सिंह को उनके इलाके में लोग छोटे सरकार के नाम से पुकारते हैं. कभी नीतीश कुमार के बेहद खास रहे अनंत सिंह बाद में राजनीतिक कारणों से सीएम से दूर होते चले गए और लालू यादव के करीबी हुए. लेकिन अब एक बार फिर अनंत सिंह एनडीए के पाले में हैं. जानकारों का मानना है कि अनंत सिंह भले ही खुले तौर पर चुनाव प्रचार न भी करें, तब भी वह अपने स्तर से जेडीयू के लोकसभा उम्मीदवार और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को फायदा पहुंचा सकते हैं.
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