राजेश मिश्रा की रिपोर्ट
डा0 एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान, दरभंगा द्वारा सेल्फ एस्टीम, सॉफ्ट स्कील्स और लाईफ स्कील्स विषय पर एक दिवसीय बाह्म व्याख्यान श्रृंख्ला का आयोजन विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ललित नारायण मिथिला विश्वविश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रो0 संजय कुमार चौधरी ने किया। इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो0 निर्मल कुमार को सादर आमंत्रित किया गया। साथ ही इस मौके पर मानविकी और समाजिक विज्ञान, आईआईटी रूड़की के प्रो0 विनोद मिश्रा, डीसीई, दरभंगा के गणित विभाग के डा0 रमण कुमार झा एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के प्रेस रिपोटर बंधु उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत में सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक महोदय प्रो0 प्रेम मोहन मिश्रा के द्वारा मिथिला परंपरा के अनुसार पाग एवं चादर पहनाकर किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान की सहायक प्राध्यापिका डा0 रश्मि कुमारी के मार्गदर्शन में डब्लूआईटी की छात्रा सुश्री भव्या एवं श्वेता ने किया। तत्पश्चात छात्रओं ने माननीय अतिथियों को डब्लूआईटी के इतिहास और उसकी विशेषतता के बारे में संक्षिप्त परिचय कराया।
तदोपरान्त मुख्य वक्ता प्रो0 निर्मल कुमार ने अपने व्याख्यान में छात्राओं के व्यक्तित्व का निर्माण में सहायक कई तत्वों का उल्लेख जैसे की फिजिकल कोशेन्ट, इमोसनल कोशेन्ट, स्प्रीचयुल कोशेन्ट, सोशल इन्टेलीजेन्स एवं चार्ल्स डारबिन्स की थ्योरी सर्वाइवल फॉर द फिटेस्ट के अनुरूप जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान सही व्यवहार एवं नजरीये से हल करके ही हम प्रतिस्पर्धी दुनिया में अपने आप को सफल बना सकते है की जानकारी दिए। उन्होने छात्राओं को ज्ञान और कौशल विकास को निरन्तर बढ़ाने के लिए अपने पॉवर प्वाईन्ट प्रेजेन्टेशन (पीपीटी) के माध्यम से इंजीनियरिंग के सभी शाखाओं का उल्लेख बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत किया जैसे सिविल इंजीनियर्स को उन्होने संसार का निर्माता, कम्फ्यूटर इंजीनियर्स को जादूई दुनिया का निर्माता, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स को शक्ति का निर्माता, संसार को चलाने में सहायक को मैकेनिकल इंजीनियर्स एवं संसार को जोड़ने वाले को इेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इंजीनियर्स बताया। उन्होने छात्राओं को 12 स्नातक गुणों के बारे में बताया। तत्पशचात उन्होने छात्राओं के मन में उठ रहें कई प्रश्नों का समुचित उत्तर दिया।
डिपार्टमेन्ट ऑफ मानविकी और समाजिक विज्ञान, आईआईटी रूड़की के प्रो0 विनोद मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि छात्राओं को अच्छा संचार कौशल विकसित करने की सलाह दी जो कि न कि सिर्फ उन्हें बड़े बड़े मल्टीनेशनल कंपनियों में रोजगार प्राप्त करने में सहायक होगा बल्कि उनके सफलता का द्वार भी खोलेगा। तत्पश्चात डीसीई, दरभंगा के गणित विभाग के डा0 रमण कुमार झा ने अपने संबोधन में छात्राओं को चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए नई तकनीकों को सीखने की सलाह दी।
ललित नारायण मिथिला विश्वविश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रो0 संजय कुमार चौधरी ने अपने अध्क्षक्षीय संबोधन में इंजीनियरिंग कॉलजों की स्थापना होने के पीछे के कारणों एवं उसके महत्व को साझा किए। नई शिक्षा निति में उल्लेखित उदार शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होने छात्राओं से कहा की एक अच्छे अभियन्ता को हमेशा विनम्र और नैतिकता का पालन करना चाहिए साथ ही साथ छात्राओं को निरंतर ज्ञान अर्जित करने और कौशल विकास हेतु तत्पर रहने की सलाह दी। उन्होने संस्थान के विकास में अपना पूर्ण सहयोग देने की बात कहते हुए शिक्षकों को निदेशित किए कि वे छात्राओं को एनपीटीईएल पोर्टल पर मूक्स तथा मैट लैब टूल्स कोर्स पर पंजीयन कराने की जानकारी दें साथ ही संस्थान में उचित संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, प्रयोगशाला, भवन एवं आवश्यक सभी सुविधाएँ मुहैया की जाएँगी इसमें कोई भी आर्थिक बाधा सामने नहीं आएगा।
संस्थान के निदेशक महोदय प्रो0 प्रेम मोहन मिश्रा ने माननीय कुलपति के संस्थान के प्रति दूरदर्शी सोच एवं विकास के प्रति लगाव की सराहना की साथ ही प्रो0 निर्मल कुमार की प्रंशसा करते हुए उनके बहुमूल्य समय देने तथा प्रभावी व्याख्यान से छात्राओं को लाभान्वित करने हेतु धन्यवाद दिए। इस मौके पर संस्थान के सभी छात्राएँ, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी उपस्थित रहें।