मझौलिया प्रखंड के माधोपुर कृषि विज्ञान केन्द्र के सौजन्य से हर्बल गुलाल बनाने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण दी गई।कार्यक्रम में वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉक्टर अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि आजकल रासायनिक गुलाल और रंगों को होली त्यौहार में इस्तेमाल करने से विभिन्न प्रकार की त्वचा संबंधी बीमारियां होती हैं। हर्बल गुलाल की आज मार्केट में डिमांड बढ़ गई है और इसको घरेलू स्तर पर बनाकर महिलाएं परिवार के लिए अतिरिक्त आय अर्जित करके परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में योगदान दे सकती हैं। वैज्ञानिक डॉक्टर धीरू कुमार तिवारी ने बताया कि हर्बल गुलाल बनाकर महिलाएं किसान मेला में अपने उत्पादों को बेच कर तथा कुटीर उद्योग के रूप में घरेलू स्तर पर आचार, पापड़, बड़ी इत्यादि को भी बना सकती हैं ।व्यवसाय कर सकती हैं। हर्बल गुलाल का प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक डॉ रीता देवी यादव ने बताया कि हर्बल गुलाल को प्रयोग करने से त्वचा को कोई भी नुकसान नहीं होता है ।बल्कि यह गुलाल त्वचा के लिए उबटन का कार्य करता है।फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन नयांश की 25 महिलाओं ने हर्बल गुलाल बनाना सीखा। मौके पर वैज्ञानिक डॉक्टर चेलपुरी रामुलू, डा सौरभ दूबे आदि मौजूद रहे।
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