- राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में किया गया उद्घाटन
पटना- आज शनिवार को राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत टीबी मुक्त भारत अभियान के लक्ष्यों की प्राप्ति के उद्देश्य से100 दिवसीय सघन टीबी अभियान का शुभारंभ सुहर्ष भगत, कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार की अध्यक्षता में किया गया. कार्यक्रम में डॉ. इन्द्रनील दास, भारत सरकार के प्रतिनिधि, टीबी कार्यक्रम के वरिष्ठ पदाधिकारी, बचपन बचाओ आन्दोलन के डॉ. मुख्तारुल हक, टीबीडीसी की निदेशक डॉ. रेनू सिंह, टीबी एसोसिएशन के सचिव डॉ. आसिफ रज़ा सहित सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि एवं जिलों से आये टीबी चैंपियंस ने शिरकत की. सभी ने पंचकुला, हरियाणा में आयोजित कार्यक्रम में जे.पी.नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के संबोधन को देखा तथा निक्षय शपथ ली.
10 जिलों में चलेगा अभियान:
राज्य के दस जिलों यथा बेगुसराय, भोजपुर, दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, सीतामढ़ी एवं सिवान के 179 प्रखंडों के 3378 आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से 2.3 लाख लोगों जो टीबी मरीजों के परिवार के सदस्य हैं का स्क्रीनिंग एवं जांच की जाएगी. इसके अतिरिक्त पिछले पांच वर्षों में टीबी का उपचार करा चुके रोगियों, एचआईवी मरीजों तथा शुगर के मरीजों की जांच की जाएगी. साथ ही उक्त 10 जिलों के 13 कारागृह में रह रहे करीब 13,000 बंदियों की भी जांच की जाएगी.
उक्त 10 जिलों में 135 ट्रू नाट, 29 सीबी नाट एवं 204 माइक्रोस्कोपी सेंटर की व्यवस्था की गयी है. क्लिंटन हेल्थ एक्शन इनिशिएटिव टीबी अलर्ट इंडिया के सहयोग से 10 अल्ट्रा पोर्टेबल हैंड हेल्ड एक्सरे मशीन को भी टीबी स्क्रीनिंग के लिए उपयोग किया जायेगा. अभी राज्य के 24 जिलों में पीपीएसए द्वारा टीबी मरीजों को चिन्हित कर उन्हें उपचार तथा लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है. कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के निर्देशानुसार 1 जनवरी 2025 से शेष 14 जिलों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी. विदित हो कि राज्य में जनवरी से अक्टूबर 2024 तक 1,68,999 टीबी मरीजों का उपचार किया गया है एवं टीबी मरीजों को चिन्हित करने में राज्य ने 81 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है.
कार्यक्रम का संचालन डॉ. बी.के.मिश्र, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा किया गया.
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