टीबी मुक्त रामगढ़ संबंधित किताब का उपायुक्त द्वारा किया गया विमोचन।
रांची : समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में उपायुक्त चंदन कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को प्रधानमंत्री टी०बी० मुक्त भारत अभियान अंतर्गत टीo बीo फ्री वर्कप्लेस पॉलिसी प्रोग्राम एवं जिला टीoबीo फोरम की बैठक का आयोजन किया गया।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ महालक्ष्मी प्रसाद एवं जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डां० स्वराज ने टी०बी० मुक्त भारत के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा देश को 2025 तक टी०बी० मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें सभी की जन भागीदारी सुनिश्चित हो इस हेतु टी०बी० रोग व इसके उपचार के संबंध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में प्राप्त निर्देश के आलोक में टीबी फ्री वर्कप्लेस पॉलिसी कार्यक्रम चलाया जाना है जिसके तहत कारखानों में कार्यरत कर्मियों को टीबी रोग व इसके उपचार के प्रति जागरूक किया जाना है।
इस दौरान उपायुक्त चंदन कुमार ने बैठक में उपस्थित विभिन्न कारखानों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सिविल सर्जन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को टीबी फ्री वर्कप्लेस पॉलिसी प्रोग्राम का व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने एवं कारखाने में कार्यरत कर्मियों के लिए नियमित रूप से टीबी जांच शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया वहीं टीबी रोग को जड़ से खत्म करने एवं 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से उपायुक्त ने सभी से टीबी रोग के पहचान एवं इसके उपचार में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की वहीं उन्होंने बैठक के दौरान उपस्थित टीबी रोग से स्वस्थ हुए मरीजों से बातचीत कर उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिले लाभ की जानकारी ली वहीं उन्होंने तिबिप रोग से स्वस्थ हुए मरीजों को भी अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को रोग से जुड़ी भ्रांतियां को दूर करने एवं रोग से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई लक्षण दिखने पर त्वरित अपनी जांच नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कराने के प्रति जागरूक करने की अपील की।
मौके पर उपयुक्त चंदन कुमार ने सिविल सर्जन डॉ महालक्ष्मी प्रसाद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉक्टर असीम कुमार सहित अन्य के द्वारा रामगढ़ जिले को टीबी मुक्त करने को लेकर मुद्रित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
बैठक के दौरान डॉ० स्वराज ने टी०बी० रोग के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि टी०बी० का बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक हवा के माध्यम से फैलता है और यह हमारे फेफड़े को प्रभावित करता है। साथ ही शरीर के अन्य अंगों को भी संक्रमित कर सकता है। अगर समय से व्यक्ति का इलाज नहीं कराया जाए तो वह अपने आस-पास के कम से कम 10-15 स्वस्थ्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण जैसे दो हफ्ते से अधिक खांसी, लगातार बुखार आना, भुख ना लगना, वजन कम होना,बलगम के साथ खून आना, छाती में दर्द होना, मधुमेह रोग तथा एच०आई०वी० से संक्रमित होना इत्यादि हो तो उसे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में बलगम की जांच करानी चाहिए। टी०बी० की जांच एवं इलाज पूर्ण: निशुल्क है। वहीं उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि टी०बी० के मरीजों को निक्षय पोषण योजना अंतर्गत इलाज़ के दौरान हर माह ₹500 दिए जाते हैं इसके अतिरिक्त जिला टी०बी० विभाग के प्रयास से निक्षय मित्र द्वारा पोषण युक्त सामग्री पैकट भी दिया जाता हैं।
इन सबके अलावा बैठक के दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए वैसे लोग जो की पूर्व में टीबी रोग से ग्रसित थे एवं नियमित इलाज के उपरांत वर्तमान में स्वस्थ हो गए हैं ने अपने-अपने अनुभवों को साझा करते हुए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोग के उपचार के दौरान उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के लिए धन्यवाद दिया वहीं उन्होंने अन्य लोगों से भी टीबी रोग से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई लक्षण दिखने पर त्वरित रूप से अपनी जांच नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में करने की अपील की।
बैठक के दौरान मुख्य रूप से सिविल सर्जन रामगढ़ डॉक्टर महालक्ष्मी प्रसाद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ असीम कुमार, टाटा, जिंदल, पिरामल स्वास्थ्य, वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स सहित विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों, विभिन्न कारखानों से आए प्रतिनिधि सहित अन्य उपस्थित थे।
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