नाबार्ड संपोषित अहिरौलीया डेयरी एफ़पीओ के निदेशक मण्डल का तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ

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अशोक वर्मा
मोतिहारी : पूर्वी चंपारण के रामगढ़वा प्रखण्ड में स्थापित  डेयरी आधारित किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) अहिरौलिया डेयरी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने अपने सीईओ और बोर्ड निदेशकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जो 26 अक्टूबर 2024 से शुरू होकर 28 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। एनजीओ कृषक विकास समिति द्वारा स्थापित इस एफपीओ को नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय का वित्त पोषित सहयोग प्राप्त है। प्रशिक्षण का उद्देश्य एफपीओ के संचालन में शासन, व्यवसाय योजना, रिकॉर्ड प्रबंधन और दीर्घकालिक व्यावसायिक रणनीति जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को मजबूत करना है।
यह कार्यक्रम नवचैरिटेबल सोशल हेल्प फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें दिनेश कुमार यादव को मुख्य प्रशिक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया। ग्रामीण प्रबंधन में एमए और एफपीओ के प्रशिक्षण में व्यापक अनुभव रखने वाले यादव ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान की। प्रशिक्षण की शुरुआत नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक आनंद अतिरेक के संबोधन से हुई, जिन्होंने पूर्वी चंपारण जिले के कृषि क्षेत्र में विकास और स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कृषक विकास समिति के प्रयासों की सराहना की और कहा, “इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बोर्ड सदस्यों को एक सफल डेयरी उद्यम को संचालित करने के लिए आवश्यक शासन और व्यवसायिक कौशल से सुसज्जित करना है।” कृषक विकास समिति के अध्यक्ष उमाशंकर प्रसाद ने भी इस अवसर पर किसानों के आर्थिक आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को लेकर अपने विचार साझा किए।
पूर्वी चंपारण की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एफपीओ जैसे संगठन, छोटे किसानों के लिए सामूहिकता और संसाधनों के उपयोग के माध्यम से बड़े बदलाव ला रहे हैं। ये संगठन किसानों को बाजार तक पहुंच, वित्तीय सहायता और तकनीकी ज्ञान जैसी चुनौतियों का समाधान प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें उचित मूल्य प्राप्त होता है, लेन-देन लागत में कमी आती है, और उनकी सौदेबाजी की क्षमता बढ़ती है। एफपीओ का ध्यान एक सतत विकास मॉडल पर केंद्रित है, जो किसानों को सुरक्षित और सशक्त जीवनयापन प्रदान करने में मदद करता है।
प्रशिक्षण सत्र में एफपीओ के संचालन के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। शासन और प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सीईओ और बोर्ड सदस्यों को संगठनात्मक पारदर्शिता, जवाबदेही और अखंडता बनाए रखने के उपाय सिखाए गए, जो एफपीओ के भीतर आपसी विश्वास को सुदृढ़ करते हैं। साथ ही, एक सशक्त व्यवसाय योजना तैयार करने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता को समझाया गया, ताकि पूर्वी चंपारण के डेयरी क्षेत्र में यह संगठन उभरती बाजार आवश्यकताओं के अनुसार अपने संचालन को विस्तार दे सके।
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