मोतिहारी : नियम कानून को ताख पर रख चलावए जा रहें है निजी विद्यालय, निबंधन में हो रही है लाखों की उगाही, झोपड़ी व एस्बेस्टस सेड वाले स्कूल का भी कर दिया गया है निबंधन, वर्ष 18-19 से अबतक सैकड़ों विधालय नहीं कर सके है मानक पूरा, अनुदान का 2 करोड़ 70 लाख 84 हजार रुपये विभाग में है पेंडिंग

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Live News 24×7 के लिए मोतिहारी से कैलाश गुप्ता की रिपोर्ट।

केके पाठक हों या एस सिद्धार्थ, शिक्षा विभाग है कि भ्रष्टाचार को लेकर दिन प्रतिदिन कीर्तिमान स्थापित करने को आतुर है। जहां एक तरफ सरकार गरीब के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा देने की बात करती है तो दूसरी तरफ इनके अधिकारी सभी नियमों को ताक पर रखकर बच्चों के भविष्य व जान के साथ खिलवाड़ कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। विदित हो कि पूर्वी चम्पारण जिले में निजी विधालयों को निबंधित करने को लेकर एक ताजा तरीन सामने आया है, जहां शिक्षा के अधिकार के तहत जिले में संचालित हो रहे कुछ निजी विधालयों का निबंधन किया गया है। निबंधन के लिए आरटीई के तहत कुछ गाइडलाइन है। विधालय अगर उस गाइडलाइन को पूरा करता है तो उसी का निबंधन होना है, जिसकी जांच विभाग के अधिकारी करके रिपोर्ट करेंगे, जिसके बाद ही उस विद्यालय का निबंधन होना है। बताया जाता है कि जिले में अब तक कुल 257 विद्यालयों का निबंधन किया गया है जबकि सैकड़ों आवेदन अभी भी निबंधन के लिए कार्यालय में धूल फांक रहे है, कारण कार्यालय का चढ़ावा नहीं चढ़ना है। वही सूचनानुसार हाल ही में 34 विधालयों का निबंधन वर्तमान प्रभारी संजय कुमार के देख-रेख में किया गया है जिसमें मजे की बात यह है कि झोपड़ी और अल्वेस्टर वाले विधालय का भी निबंधन कर दिया गया है। बताते चलें कि जिले में संचालित हो रहे सैकड़ों निजी विधालयों में से अभी तक 257 विधालयों का निबंधन हो चुका है, जिसमें पिछले 28 जून को 34 विधालयों का निबंधन हुआ है लेकिन इसमें चौकाने वाली बात तब सामने आई, जब विधालयों के निबंधन का डाटा सामने आया है कि वैसे विधालयों का निबंधन कर दिया गया है, जिसमें बीइओ की रिपोर्ट ही शामिल नहीं है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि कुछ विधालयों का निरीक्षण कर बीइओ ने रिपोर्ट दिया है कि विधालय इन कंप्लीट है, उसका भी निबंधन कर दिया गया है। साथ ही वैसे विधालयों का भी निबंधन कर दिया गया है, जिसमें बीइओ के द्वारा बजाप्ता रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि विधालय एस्बेस्टस का है। बावजूद इसके उसका भी निबंधन कर दिया गया है। वही निजी विद्यालय संगठन ने विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए ये कहा है कि मोतिहारी के शिक्षा विभाग में सरकार के गाइडलाइन को पूरा करने की जरूरत नहीं है। यहां तो लेनदेन के गाइडलाइन को पूरा कीजिए तो निबंधन होगा अन्यथा दौड़ते रहिए।

गौरतलब हो कि सरकार से निजी विधालयों का निबंधन कराने के लिए सबसे पहले निजी विद्यालय प्रबंधन को RTE के मानकों को पूरा करना बेहद जरुरी है, जिसमें मुख्य रूप से विधालय के क्लास रूम बच्चों की संख्या के अनुसार होना जरुरी है। विधालय में कमरे और छत का होना जरूरी है। खेल का मैदान होना जरुरी है। विधालय में बच्चों-बच्चियों के लिए अलग-अलग शौचालय होना अनिवार्य है। विधालय में लाइब्रेरी होना अनिवार्य है। इसके अलावे अन्य कई मानक हैं, जिसको पूरा करना जरुरी है। इन मानकों की जांच के लिए सरकार द्वारा एक कमिटी बनाई गई है, जिसमे बीइओ, डीपीओ, डीईओ के अलावे अन्य अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों द्वारा स्थल पर जाकर विद्यालय का निरीक्षण कर रिपोर्ट देना है, जिसके बाद ही विधालय का निबंधन हो सकेगा।

शिक्षा विभाग ने राइट टू एजुकेशन ( RTE ) के तहत एक नियम लागू किया है कि प्रदेश में जितने भी निबंधित निजी विधालय संचालित हो रहे हैं, उसमें विधालय के नामांकित बच्चों की संख्या के अनुसार 25% वैसे बच्चों को पढ़ाना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। सरकार इसके एवज में उन विद्यालयों का अनुदान भी देती है। इसके लिए निजी विधालय को विभाग से निबंधन कराना अनिवार्य है। वही वर्ष 18-19 से अबतक सैकड़ों विधालय इसके मानक को पूरा नहीं कर सके है हसी जिसके कारण अनुदान का करोड़ों रुपये विभाग में पेंडिंग है।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा द्वारा वर्ष 18-19 के 25 प्रतिशत के अनुसार कुल 3199 नामांकित छात्रों के एवज में 11 हजार 869 रुपये की दर से प्राप्त मो. 2 करोड़ 70 लाख 84 हजार 36 रुपये के भुगतान के लिए निबंधित विधालयों से संबंधित आवश्यक कागजातों व भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन की मांग प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारियों से बार बार की जाती रही परंतु इनके द्वारा नहीं दिया गया, जिसके कारण आज तक उक्त राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है और ना ही विभाग को वापस किया गया है। उसके बावजूद उच्चाधिकारी द्वारा किसी प्रकार की कारवाई नहीं की गई।

इधर, इस मामले पर जब जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और मामला सत्य पाया गया तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और गलत निबंधित विद्यालयों का निबंधन रद्द किया जाएगा।

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