रेलवे स्टाफ  आवास की  जब तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो तब तक उन्हें क्वार्टर से निकालना उचित नहीं रत्नेश

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  • रेलवे कर्मचारियों को रेलवे क्वार्टर से बाहर निकालकर बेघर करने की साजिश
  • ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के जोनल जॉइंट सेक्रेटरी के द्वारा पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र भेजा गया
अशोक वर्मा
मोतिहारी  : प्राइवेट ठेका कम्पनी मेसर्स ब्लू स्टार कैबकोंन कंसोर्टरम , मुम्बई के द्वारा कर्मनाशा स्टेशन के पास रेलवे प्रोजेक्ट इलेक्ट्रिक सब स्टेशन बनाने का ठेका लिया गया है।कम्पनी एवम रेलवे के द्वारा भूमि का सर्वे करके रेलवे क्वार्टर क्षेत्र के कुछ क्वार्टर को चिन्हित कर तोड़ने हेतु पत्र भेजा गया एवम उसी के आधार पर सभी कर्मचारियों को दस(10) दिनों के अंदर रेलवे आवास खाली कर देने का नोटिस जारी हुआ।इस नोटिस से कर्मनाशा के रेल-कर्मचारियों में रेल-प्रशासन के विरुद्ध गुस्सा , नफरत , असंतोष एवम रोष ब्याप्त है ।रेलकर्मियों द्वारा नोटिस का लगातार विरोध करते हुए उच्चाधिकारियों को संयुक्त-पत्र भेजा गया तथा कई जगह विरोध-प्रदर्शन भी हुआ । मामला ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के संज्ञान में आने के बाद जोनल जॉइंट सेक्रेटरी श्री रतनेश वर्मा के द्वारा बैकल्पिक ब्यवस्था होने तक नोटिस के क्रियान्वयन पर रोक लगाने हेतु हाजीपुर जोन के महाप्रबंधक महोदय को पत्र भेजा गया एवम पत्र की प्रतिलिपि डीoडीoयूo मुगलसराय मंडल के डीoआरoएमo को उचित कार्यवायी हेतु भेजी गई है।
ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के जोनल जॉइंट सेक्रेट्री श्री रतनेश वर्मा द्वारा पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के पास पत्र भेजकर निम्नलिखित आग्रह किया गया है
(1)कर्मनाशा में नए रेलवे क्वार्टर बनाकर आवंटित कर देने अथवा बैकल्पिक ब्यवस्था के बाद ही चिन्हित क्वार्टर खाली कराया जाए ।बिना बैकल्पिक ब्यवस्था किए किसी को भी बेघर नहीं किया जाए।दिनांक-05-01-2023 को SLP(सिविल )डायरी न●-289/2023 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय , नैनीताल के दिनांक-20-12-2022 WP PIL नo-30/2022 अब्दुल मतीन सिद्दीकी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया , हलद्वानी अतिक्रमण मामले पर अपना अंतिम आदेश देते हुए रेलवे द्वारा कार्यवायी पर  रोक लगाया एवम आदेश दिया कि बिना पुनर्वास किये किसी को भी बेघर न किया जाए।सुरक्षा एवम संरक्षा से जुड़े हुए रेलवे कर्मी को आवंटित क्वार्टर से हटाना न्याय-संगत हीं नहीं बल्कि  मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देशों का भी उलंघन है।
(2)कर्मनाशा के आसपास प्राइवेट आवास नहीं है।प्राइवेट आवास 35 से 40 किलोमीटर दूर चंदौली एवम भभुआ रोड में है,जहाँ पर मासिक किराया आठ से दस हजार रुपया है,वहाँ से आने जाने में पैसा के साथ हीं घण्टों समय की बर्बादी होगी।रास्ते मे घटना-दुर्घटना भी हो सकती है,एवम आपात स्थिति में जल्द नहीं पहुंचने पर रेलवे का कार्य भी बाधित हो जाएगा।परिचालन पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
(3)अचानक स्थान-परिवर्तन से बच्चों का शैक्षणिक-सत्र भी प्रभावित होगा जो उन्हें संविधानिक शिक्षा के अधिकार भा● सं●अनुo-21(क) से वंचित कर देगा ।
(4)इलेक्ट्रिक सब स्टेशन के प्रस्तावित जगह पर का क्वार्टर मात्र चार-पाँच साल पहले हीं बना है,जिसका कोडल-लाइफ भी पूरा नहीं हुआ है।इसे तोड़ने में राजस्व की भारी क्षति होगी।जिस जगह इलेक्ट्रिक-सब-स्टेशन बनाना प्रस्तावित है,उसके नजदीक में रेलवे की बहुत  सारी जमीन खाली पड़ी हुई है,जहाँ पर सब-स्टेशन बनाकर उपरोक्त स्थितियों एवम रेल-राजस्व की क्षति से बचा जा सकता है।
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