सकरा के अंचल अधिकारी के द्वारा मिश्रौलिया पंचायत में 63 डिसमिल सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया

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मुजफ्फरपुर जिले के सकरा अंचल अधिकारी व प्रशासन ने मुक्त कराया 63 डीo सरकारी जमीन को  राजस्थान जिलाधिकारी एवं राजस्व अधिकारी के नेतृत्व में मुजफ्फरपुर पुलिस बल एवं सकरा थाना पुलिस के साथ पहुंचे जहां दवंगों ने अवैध रूप से जमीन कब्जा कर घर एवं लगी पेड़ पौधा व अन्य चीजों को जे सी बी एवं ट्रैक्टर से हटा दिया गया। इस बाबत अंचलाधिकारी संजय मेहता  ने बताया कि सरकारी जमीन को कई वर्षो से कब्जा कर अवैध रूप से घर  एवं पेड़ पौधा व कि खेती कुछ लोगों ने कर दी थी इस बाबत में कई वार नोटिस भी दिया गया था। इसके बाद आज कार्रवाई की गयी है।इसके बाद भी अगर दोबारा जमीन पर कब्जा का प्रयास किया गया तो चिन्हित कर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। बता दे की मामला सकरा  अंचल अधिकारी क्षेत्र के मिश्रौलिया पंचायत के 76 नम्बर रेलवे गुमटी के समीप कई वर्षो से दबंगों व असामाजिक तत्वों के कब्जे में करीब 63 डिस्मिल सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है। कार्रवाई के समय कोई भी दावेदार सामने नहीं आया।  अनुमंडलाधिकारी के आदेश से अतिक्रमित जमीन को खाली कराया गया है। इस संबंध सकरा  अंचलाधिकारी संजय मेहता  ने नोटिस भी निर्गत किया था। जानकारी के अनुसार मिश्रौलिया गांव में सरकारी जमीन पर कई वर्षो से कुछ दबंग प्रवृति के लोग जमीन पर कब्जा कर घर और पेड़ पौधा जबरन कर रहे थे और अन्य फसलें भी लगा रखे थे। इस संबंध में ग्रामीणों ने पूर्व में शिकायत भी की थी कि बड़े भूभाग पर दबंग किस्म के लोग जमीन पर कब्जा करके रखे हुए है। आसपास के पांच गांव के पशुधन चारा के लिए उक्त जमीन का उपयोग किया जाता था। अवैध कब्जा के कारण ग्रामीणों को वहां अपने पशुओं को चराने में परेशानी होती थी। पशुचारा की किल्लत हो रही थी। इधर मामले की जांच प्रशासन के स्तर के की गयी जहां मामला सही पाया गया और सरकारी जमीन पर अवैध रूप से घर और पेड़ पौधा सहित अन्य चीज पाई गई थी। एसडीओ के आदेश पर सकरा अंचलाधिकारी संजय मेहता व  रजिस्टर अधिकारी सहित सकरा पुलिस बल ने घर सहित अन्य फसलों को  ट्रैक्टर व जेसीबी से हटा दिया गया। इस बाबत अंचलाधिकारी प्रदीप कुमार शुक्ला ने बताया कि सरकारी जमीन को कब्जा कर अवैध रूप से अरहर की खेती कुछ लोगों ने कर दी थी। इस बाबत नोटिस भी दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की गयी है।  इसके बाद भी अगर दोबारा जमीन पर कब्जा का प्रयास किया गया तो चिन्हित कर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी।

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