बिहार के गया जिले से दिल को दहला देने वाली एक खबर सामने आई है गया जिले में बोरवेल में गीरने से दो साल की बच्ची की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार बोरवेल की गहराई 70 फीट थी और बच्ची 12 फीट में फंसी हुई थी। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने बच्ची को बचाने की कोशिश की। जेसीबी से खुदाई शुरू की, लेकिन बच्ची की मौत हो गई।
आपको बता दे घटना मोहनपुर प्रखंड के अंकोला पंचायत के मसौदा गांव की है। बच्ची का नाम आकांक्षा है। उसके पिता अरविंद यादव ने शनिवार को बोरवेल कराया था, लेकिन पानी नहीं निकला। इसपर इसे बोरे से ढंक दिया गया और दूसरी जगह बोर कराया जा रहा था।
रविवार सुबह साढ़े 11 बजे घर के बाहर आकांक्षा खेलने निकली। बोरवेल बोरे से ढंके होने की वजह से वह देख नहीं पाई और वह उसमें गिर गई। बताया जा रहा है कि आकांक्षा दो बहन थी। उसके पिता गुजरात के फैक्ट्री में काम करते हैं
गांव वालों द्वारा मोहनपुर पुलिस को सूचना दी गई । बच्ची की शुरू में रोने की आवाज आ रही थी। ग्रामीणों ने जेसीबी बुलाकर खुद खुदाई शुरू कर दी। बोरवेल के पास जेसीबी से गड्ढा खोदकर बच्ची को निकालने की कोशिश की गई। इस दौरान बच्ची की सांसें थम गईं। बच्ची का शव निकाल लिया गया है।
घटना को लेकर डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने अपर मुख्य सचिव आपदा से बात की। पटना से भी एनडीआरएफ की टीम रवाना किया गया। इसके बाद एंबुलेंस और मेडिकल टीम भी मौके पर भेजा गया। टीम मौके पर पहुंचती उसके पहले ही बच्ची की मौत हो चुकी थी
वही घटना को लेकर अमकोला पंचायत की मुखिया गिरिजा देवी ने जिला प्रशासन के कार्य प्रणाली पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि समय से पुलिस और स्थानीय प्रशासन मदद की होती तो बच्ची बच जाती। ग्रामीण जेसीबी से बच्ची को निकालने का प्रयास नहीं करते।
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