- अप्रैल (2023-24) में जिले में सबसे ज्यादा 1654 हुई डिलीवरी
- मार्च में 367 हुआ नार्मल डिलीवरी एवं 196 महिलाओं का हुआ परिवार नियोजन
- सुरक्षित प्रसव एवं बंध्याकरण कराने पर मिलती है सरकारी सहायता राशि
बेतिया। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरनाटांड, बगहा 02 सुरक्षित प्रसव के मामले में वरदान साबित हो रहा है। मार्च में 367 नार्मल डिलीवरी एवं 196 महिलाओं क़ो परिवार नियोजन का लाभ निःशुल्क मिला है। आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तत्पर्यता से जिले में सबसे ज्यादा सुरक्षित प्रसव कराए गए है। प्राथमिक “स्वास्थ्य केंद्र हरनाटांड” बेतिया से लगभग 65 किलोमीटर की दुरी पर सुदूरवर्ति थारूहट क्षेत्र में स्थित है। यहाँ आसपास के लोगों क़ो ईलाज कराने के लिए अनुमण्डलीय अस्पताल बगहा या मेडिकल कॉलेज बेतिया जाना पड़ता है। लेकिन इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुशल डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता के कारण सबसे ज्यादा सुरक्षित प्रसव कराए जाते है। मर्यारपुर सेमरा की 21 वर्षीय महिला लाभुक सुन्दरम कुमारी ने बताया की इसी स्वास्थ्य केंद्र पर मेरा सुरक्षित प्रसव हुआ है, स्वास्थ्य कर्मियों ने काफ़ी हौसला दिया जिससे कहीं कोई परेशानी नहीं हुई। इस सम्बन्ध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार सिंह नीरज ने बताया कि बढ़ती जनसंख्या पर रोक के लिए बंध्याकरण आवश्यक है। वहीं बीसीएम अनिल कुमार ने बताया की यहाँ 06 बेड उपलब्ध है, महिलाओं व आमलोगों क़ो जागरूक करते हुए वर्ष 2024 में माह मार्च में 141, अप्रैल 107, मई 77, जून 92, जुलाई 122, अगस्त 177, सितंबर168, अक्टूबर 122, नवंबर 170, दिसम्बर 179, जनवरी 2025 – 159, फ़रवरी में 140, मार्च 367 डिलीवरी कराई गईं जो जिले में एक नंबर पर है। उन्होंने बताया की डिलीवरी के साथ ही महिलाओ क़ो बढ़ती जनसंख्या पर रोक हेतु परिवार नियोजन के स्थायी व अ स्थायी साधन अपनाने पर जोर दिया जाता है। वहीं बंध्याकरण के बाद महिलाओं को प्रोत्साहन राशि उनके खाते में भेजी जाती है। महिला चिकित्सक डॉ सीमा गिरी ने बताया कि बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए महिलाओं को दो से ज्यादा बच्चे पैदा नहीं करने साथ ही स्वास्थ्य पर ध्यान देने की बातें बताई जाती है। बीसीएम अनिल कुमार ने बताया की पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को भी प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वहीं प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 रुपये और उत्प्रेरक को 400 रुपये देने का प्रावधान है। पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000 रुपये, आशा कार्यकर्ता को 300 रुपये दिए जाते हैं। इसी तरह सभी अन्य साधनों को अपनाने पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दिया जाता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान होती है जाँच:
जिले के डीसीएम राजेश कुमार ने बताया की प्रत्येक माह की 09 तारीख क़ो प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम आयोजित करते हुए गर्भवती की जाँच करवाई जाती है। इस दौरान बीपी, शुगर, वजन, एएनसी की जाँच, टीकाकरण कराई जाती है। महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच के साथ परामर्श दिया जाता है।साथ ही पोषण के बारे में जानकारी दी जाती है,जिससे गर्भवती महिलाएं एनीमिया या हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से बचें। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना ही स्वास्थ्य विभाग का मुख्य उद्देश्य है।
