अशोक वर्मा
भगवानपुर (वैशाली) : जिले के वारिसपुर में विगत 7 वर्षों से निर्माणाधीन ज्ञान शक्ति सरोवर संपूर्णता की ओर बढ़ रहा है । ब्रह्माकुमारी की बिहार एवं झारखंड प्रभारी तपस्विनी राजयोगिनी बीके रानी दीदी के संकल्प से 10 एकड़ क्षेत्रफल में बन रहे इस विशाल आध्यात्मिक केंद्र से बिहार ही नहीं बल्कि देश को नई आध्यात्मिक ऊर्जा मिलेगी ।शक्ति सरोवर बहुमंजिला हो रहा है तथा संस्था के बीस प्रभागो के माध्यम से सभी में आध्यात्मिक शक्ति भरी जाएगी। निर्माण कार्य के निमित्त सीए बीके प्रफुल्ल भाई ने बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा निर्माण हो रहे इस बड़े रिट्रीट सेंटर का उद्घाटन 2026 में होना तय हुआ है। उन्होंने बताया कि संस्था की तत्कालीन अंतरराष्ट्रीय हेड रही राजयोगिनी दादी जानकी जी ने इस शक्ति सरोवर का शिलान्यास किया था। आरंभ में तो जमीन कम थी लेकिन अब 10 एकड़ जमीन में यह कार्य हो रहा है। इसके निर्माण के कॉन्सेप्ट के बारे में उन्होंने बताया कि बहुत पहले हम लोगों ने बिहार के लिए एक नारा दिया था – “बिहार में आई बहार”।उस नारा पर हमलोग ने एक वृत्त चित्र का निर्माण कर मधुबन मे दिखाकर अपने मंशा का इजहार किया था।आज उसको क्रियान्वयन करने की दिशा में हम लोग आगे बढ रहे है।हमे पूर्ण रूप से ईश्वरीय सहयोग मिल रहा है।मौके पर वरिष्ठ राजयोगिनी बीके मीना दीदी ने बताया कि बिहार की भूमि आध्यात्मिक उर्जा संपन्न रही है। वाल्मीकि ,महावीर बुद्ध, गुरु नानक हलीम शाह जैसे अध्यात्म संपन्न महापुरूषो की यह भूमि रही है। ब्रह्माकुमारी संस्था बिहार में मूल्यो को पुनर्स्थापित करने का कार्य लंबे समय से कर रही है। आज हमारा देश बहुत आगे बढ़ा है,साधन बढे है लेकिन मूल्यो का ह्रास हुआ है, मूल्यो को पुनर्स्थापित करने में ब्रह्मा कुमारीज के इस ज्ञान शक्ति सरोवर का रोल महत्वपूर्ण होगा और बिहार एक बार अपना पुराना गौरव पूनःप्राप्त करेगा। रिट्रीट सेंटर बहुमंजिला हो रहा है तथा दो लिफ्ट एवं दो सीढी भी बन रहे हैं। परिसर में ही कार्यालय रिसेप्शन काउंटर का भी निर्माण युद्ध स्तर पर जारी है । ब्रह्मा कुमारीज रिट्रीट सेंटर परिसर ने अपनी ज्ञान खूबसूरती बिखेरना आरंभ कर दिया है ,काफी पेड़ पौधे लग गए हैं ।खाली पड़े जमीन में यौगिक खेती भी हो रही है, नए-नए औषधीय पौधे लगाये रहे हैं एक्सरसाइज आदि के लिए आधुनिक साधन भी उपलब्ध कर दिए गए हैं। प्रतिदिन सुबह मुरली क्लास अपने निर्धारित समय से चल रही है और अस्थाई बने भोजनालय, किचन आदि से वही भाषणा मिल रही है जो मधुबन में मिलती है ।इस केंद्र को निश्चित रूप से मिनी मधुबन के रूप में ब्रह्म वत्स देख रहे हैं। निर्माण के अवस्था में ही इसके अंदर से योग और बाबा के ईश्वरीय संदेश का प्रतीकंपन निरंतर निकल रहा है। सामूहिक योग के माध्यम से संस्था के भाई-बहन सभी के लिए शुभ भावना एवं शुभ कामना का प्रतीकंपन फैला रहे है।अपने बिहार जिसके नाम पर देश के बड़े-बड़े शहरों के कई कॉलोनीयों का नाम “बिहार” रखा जाता है, आज अपने पुराने स्वरूप में आने जा रहा है और उस स्वरूप में लाने में ब्रह्मकुमारी के इस ज्ञान शक्ति सरोवर का महत्वपूर्ण रोल होगा ।संस्था के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय द्वारा 20 प्रभाग संचालित है जिसमें मुख्य रूप से मीडिया, मेडिकल, एजुकेशन, कृषि, महिला, युवा ,आर्ट एंड कल्चर, स्पोर्ट्स, इंजीनियरिंग ,स्पार्क समाज सेवा आदि है ,सभी प्रभाग यहां क्रियाशील होगा और हर क्षेत्र के लोगों को आध्यात्मिक रूप से सशक्त किया जायेगा।
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