शिक्षाशास्त्र विभाग गया कॉलेज गया में दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा पीठ के एम एड प्रशिक्षुओं का इंटर्नशिप संपन्न

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गया । पिछले माह सितंबर से दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षापीठ के एम एड प्रशिक्षुओं  का इंटर्नशिप कार्यक्रम शिक्षाशास्त्र विभाग गया कॉलेज गया में  आज समापन हो गया है। प्राचार्य  गया कॉलेज डा सतीश सिंह चंद्र के दिशानिर्देश पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। । इस मौके पर एम  एड इंटर्न्स एवं बीएड प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए विभाग अध्यक्ष शिक्षाशास्त्र विभाग डॉक्टर धनंजय धीरज ने कहा कि दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा पीठ के द्वारा एम एड के प्रशिक्षुओं के इंटर्नशिप कार्यक्रम हेतु शिक्षाशास्त्र विभाग गया कॉलेज गया का चयन किया जाना अपने आप में गौरव की बात है। एम  एड प्रशिक्षुओं की प्रशंसा करते हुए डॉक्टर धीरज ने कहा कि इस दौरान इनके द्वारा इन दो  हफ़्तों में नियमित रूप से कक्षा कक्ष में पठन-पाठन के अलावा और विभिन्न प्रकार के सह शैक्षणिक गतिविधियों का भी आयोजन बी एड के विधार्थियों के बीच किया गया जिसमें प्रमुख रूप से कला आधारित शिक्षण पर कार्यशाला पाठ सहायक  सामग्री के निर्माण पर कार्यशाला बैडमिंटन प्रतियोगिता एवं शोध पत्र लेखन पर कार्यशाला  एवम ई बुक्स के संग्रह पर कार्यशाला रही। उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप एक ऐसा धरातल है जिस पर हम कक्षा कक्ष में प्राप्त सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक रूप देने का प्रयास करते हैं। शिक्षण अधिगम के मार्ग में आने वाले कठिनाइयों से परिचित होने का स्वर्णिम अवसर है इंटर्नशिप। प्रशिक्षु जीवन का महापर्व है इंटर्नशिप। डा  धीरज ने कहा की दोनो संस्थान की बीच परस्पर सहयोग एवम संयुक्त तत्वाधान में भविष्य में  भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के उद्देश्य से एक एम ओ यू शिक्षापीठ दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय को भेजा जा चुका है और आशा है कि जल्द ही यह साझा  करार दोनो संस्थानों के बीच हस्तरीक्षित होगा। इस मौके पर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा पीठ की सह प्राध्यापिका डॉक्टर रिंकी ने कहा शिक्षाशास्त्र विभाग से प्राप्त सहयोग के लिए मैं विभाग के प्रति आभार प्रकट करती हूं एवं भविष्य में भी ऐसे पारस्परिक सहयोग की अपेक्षा रखती हूं।उन्होंने कहा कि शिक्षण एक चुनौतीपूर्ण पेसा है और इस पेशे में आने वाले लोगों का मैं सम्मान करती हूं। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि अन्य व्यवसाययों की तुलना में शिक्षण के क्षेत्र में पैसे कुछ काम है परंतु यह विनम्रता और सम्मान का पैसा है। उन्होंने यह भी कहा कि कक्षा कक्ष में हम विद्यार्थियों को नैतिकता का पाठ पढ़ने से पहले स्वयं उसका अनुपालन और अनुसरण करें ताकि हमारा जीवन बच्चों के बीच एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत हो। अपने संबोधन के क्रम में उन्होंने शिक्षाशास्त्र विभाग के विद्यार्थियों को दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षापीठ आने का निमंत्रण भी दिया है। उन्होंने कहा कि  राष्ट्र को शिक्षक से सबसे अत्यधिक अपेक्षाएं हैं इसीलिए तो शिक्षक राष्ट्र के निर्माता कहे जाते हैं। अतः आपका व्यवहार एवं विचार सदैव उसी अनुरूप होना चाहिए। इस मौके पर शिक्षा शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक अमरेंद्र कुमार डॉ अभिषेक कुमार डॉक्टर सदरे आलम निखत परवीन अजय शर्मा आदि उपस्थित थे।धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा शास्त्र विभाग की ओर से इंटर्नशिप कोऑर्डिनेटर डॉ आर एन प्रियदर्शनी ने किया है। इस समापन समारोह में एएम एड और बी  एड में एक और जहां नई आवर्धनाओं को सीखने की खुशी थी तो जुदाई का दुख दोनों का मिला-जुला असर देखने को मिला.
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