मगध प्रमंडल आयुक्त ने लंबित मामलों को जल्द निष्पादन करने के निर्देश

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 गया। समाहरणालय सभागार में आयुक्त मगध प्रमंडल एव आईजी मगध रेंज की संयुक्त अध्यक्षता में गया ज़िला के डीएम एसएसपी सहित अन्य वरीय अधिकारियों एवं पुलिस विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक की गई है।आयुक्त मगध प्रमंडल ने अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण की समीक्षा किया गया है। आगे बताया गया कि इस वर्ष 349 केस अत्याचार मामले में 276 पीड़ित परिवार को प्रथम क़िस्त का मुआवजा दिया गया है। 73 मामलों में सेकंड क़िस्त का भुगतान दिया गया हैं।10 हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को सहायता दी जा रही है। इसके अलावा हत्या से संबंधित 64 मामलों में आश्रितों को पेंशन दी जा रही है। आयुक्त मगध प्रमंडल में निर्देश दिया है कि किसी भी मामले में मुआवजा लंबित नहीं रखें, अत्याचार निवारण के लंबित मामलों को पूरी विस्तार से समीक्षा करें। यह कोशिश करें कि अत्याचार से पीड़ित आश्रित परिवारों को पूरी मदद करें। अगले 15 दिनों में जिला कल्याण पदाधिकारी एव पुलिस की ओर से नामित नोडल अधिकारी सह पुलिस उपाधीक्षक हेडक्वार्टर संयुक्त रूप से बैठकर थानावार समीक्षा करें एव जिस थाना से चार्ज शीट प्राप्त नहीं हुआ है।उसे प्राप्त करें।उत्पाद विभाग की समीक्षा के दौरान आयुक्त ने निर्देश दिया है कि शराब विनास्तिकरण जब्त वाहनों की नीलामी, शराब में संलिप्त अपराधियों की सुनवाई इत्यादि विभाग की जो समय सीमा निर्धारित है उसी के अंदर हर हाल में सुनिश्चित करें। उन्होंने उत्पाद अधीक्षक को निर्देश दिया है कि प्रतिदिन 3 से 4 घंटे बैठकर शराब में संलिप्त अभियुक्त की सुनवाई करें, ताकि तेजी से लंबित आकड़ा में कमी आएगी। जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि दुर्गा पूजा दीपावली जैसे त्योहार के अलावा भी अन्य दिनों में जो भी विभिन्न क्षेत्रों के अपराधी हैं, उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े भू माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सीसीए दर्ज करें साथ ही बाउंड डाउन हैवी अमाउंट के साथ करवाये। और जैसे ही बाउंड डाउन का उल्लंघन होता है तो कड़ी कार्रवाई करें। अपराधियों के साथ किसी भी प्रकार की कोई मर्शी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।आयुक्त मगध प्रमंडल ने कहा कि प्रत्येक शनिवार को भूमि विवाद से संबंधित सभी थानों में बैठक अनिवार्य रूप से होती रहे। जिले में अमीन की कोई कमी नहीं है। हर दिन कम से कम जमीन संबंधित तीन मापी का कार्य होता रहे, इसे सुनिश्चित करवाया जाए और इसके साथ ही प्रत्येक सप्ताह दिए गए साप्ताहिक टारगेट का समीक्षा भी अपर समाहर्ता राजस्व के स्तर से होता रहे। ऐसा होने से भूमि संबंधित समस्याओं का तेजी से निपटारा हो जाएगा।
 वीएल डीआर केस की समीक्षा में आयुक्त ने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता को निर्देश दिया है कि नियमित रूप से सभी डीसीएलआर अपने कोर्ट में सुनवाई करें एवं अपर समाहर्ता इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
आयुक्त ने जिला स्तरीय सभी पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि अपने अधीनस्थ प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी के साथ नियमित तौर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठक करते रहेंगे एवं जो भी कमियां समीक्षा में बताई जाएगी उसको दूर एवं सुधारने का कार्य करेंगे।  वरीय पुलिस अधीक्षक ने विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराया कि पुलिस प्रशासन द्वारा जिले में विधि व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में क्या-क्या कदम उठाए गए हैं, अपराधियों को पकड़ने की क्या-क्या रणनीति है इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके पश्चात जिले में ट्रैफिक व्यवस्था कैसे रेगुलेट करवाया जाएगा इस पर भी विस्तार से समीक्षा की गई है।
  आयुक्त मगध प्रमंडल ने जिला पदाधिकारी गया एवं वरीय पुलिस अधीक्षक गया को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस वर्ष का पितृपक्ष मेला काफी सफलतापूर्वक एवं यादगार रहा है। सभी जगह से व्यवस्थाओं की तारीफे हो रही है इसके लिए तमाम पदाधिकारी धन्यवाद के पात्र हैं।इस बैठक में डीएम गया, एसएसपी गया, सिटी एसपी, एएसपी टाउन 01, अपर समाहर्ता राजस्व, आयुक्त के सचिव, सभी अनुमण्डल पदाधिकारी, सभी अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, सभी पुलिस उपाधीक्षक, ज़िला जन सम्पर्क पदाधिकारी, सहायक आयुक्त उत्पाद सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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