आईआईएम बोधगया में “नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम” नामक एक फैक्ल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का किया आयोजन

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गया। आईआईएम बोधगया ने बिहार में पहली बार जून से जुलाई, 2024 तक नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम एनएफएलपी के तीन बैचों का आयोजन किया है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण के सन्दर्भ में एनएफएलपी नामक इस फैकल्टी लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम की संकल्पना की है। यह एक प्रतिष्ठित, चयन-आधारित 5-दिवसीय आवासीय लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम है जो पब्लिक फंडेड उच्च शिक्षण संस्थानों के सभी स्तरों के फैकल्टी सदस्यों के लिए उपलब्ध कराया गया है।यह प्रोग्राम एनआईआरएफ प्रबंधन रैंकिंग में देश के शीर्ष संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसके अंतर्गत वर्तमान में, 6 आईआईटी और 14 आईआईएम देश में क्षमता निर्माण में सुधार के लिए इस प्रोग्राम का आयोजन कर रहे हैं जिसका मुख्य उद्देश्य फैकल्टी सदस्यों को कलेक्टिव डिसीज़न मेकिंग, शेयर्ड गवर्नेंस, डेवलपिंग इनिशिएटिव्स  और प्रॉब्लम सॉल्विंग में प्रभावी और सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए तैयार करना है।आईआईएम बोधगया में आयोजित इस प्रोग्राम के अंतिम बैच में, दिल्ली विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सहित केंद्रीय एवं राज्य शैक्षणिक संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले विविध पृष्ठभूमि के 22 फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया है। 5 दिवसीय प्रोग्राम में प्रबंधन और नेतृत्व पर विभिन्न सत्र शामिल रहे हैं। आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनीता एस. सहाय ने शैक्षणिक संस्थानों में नेतृत्व और मिशन, विजन एवं लक्ष्य संरेखण पर तीन विस्तृत सत्र आयोजित किए हैं। प्रतिभागियों ने साझा किया कि डॉ. विनीता एस. सहाय के सत्र लाइव केस के उदाहरण के रूप में काम करते हैं जिससे उन्हें निर्णय लेने और क्षमता निर्माण की बारीकियों को समझने में मदद मिली है। प्रोग्राम के अन्य सत्रों में प्रबंधन के आधुनिक विषय जैसे डेटा विज़ुअलाइज़ेशन का महत्व और आज के गतिशील संदर्भ में इन्फोर्मटिव डिसीज़न लेने के लिए डिज़ाइन थिंकिंग शामिल रहे हैं। प्रतिभागियों ने साझा किया कि कार्यक्रम से मिली सीख उनकी व्यावसायिक क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी और उनके संस्थानों के विकास में योगदान देगी।प्रोग्राम में शामिल अनेक सत्रों में वर्तमान समय में एजुकेशनल लीडर्स के सामने आने वाले गंभीर मुद्दों को संबोधित करते हुए हैं नवीन समाधान और दूरदर्शी रणनीतियाँ प्रदान की गईं हैं। वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोग पर जोर ने यह सुनिश्चित किया कि उपस्थित लोग अर्जित ज्ञान को अपने संबंधित संस्थानों में तुरंत उपयोग कर सकें। पिछले दो बैचों के साथ इस बैच की सफलता ने न केवल ऐसे नेतृत्व कार्यक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया, बल्कि भारत में शिक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए आईआईएम बोधगया की प्रतिबद्धता को भी उजागर किया गया है।
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