खबर बिहार के भागलपुर जिले की है जहां भागलपुर स्थित टीएमबीयू की महिला प्रोफेसर निर्मला कुमारी से 47.60 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। इस संबंध में प्रोफेसर ने साइबर थाने में साइबर ठग के खिलाफ 21 जून को केस दर्ज कराया है। साइबर ठग ने महिला प्रोफेसर से यह ठगी 10 दिनों में की। उन्हें मनी लॉड्रिंग का भय दिखाता रहा। 24 घंटे वीडियो कॉल पर बने रहते थे। इधर-उधर जाने पर वह डांटते थे।
महिला प्रोफेसर ने बताया कि मेरे पास एक कूरियर कंपनी का फोन आया। उन्होंने बोला कि आपका कुछ सामान अटका हुआ है। एयरपोर्ट पर रोक दिया गया है। इसके लिए अगर आप बात करना चाहते हो, डिटेल जानना चाहते हो तो आपको एक नंबर पर कॉन्टेंक्ट कराता हूं। उसने दूसरे नंबर से कनेक्ट किया। उसने अपने को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और उसके बाद उसने बताया कि आपका जो आधार नंबर है, उसे कोई और यूज कर रहा था। उसे मुंबई में गिरफ्तार किया गया है। उसने वीडियो कॉल किया पहले उन्होंने पुलिस की वर्दी में अपना चेहरा दिखाया और बोला मैं ही हूं। उसने कहा-आपका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा है। आपके आधार का कहां-कहां इस्तेमाल किया गया है, इसकी जांच की जा रही है।
आधार कार्ड को ट्रेस किया जा रहा है। महिला प्रोफेसर ने कहा- उसने मेरे परिवार की सारी जानकारी लेने के बाद कहा कि आप फोन मत रखिए क्योंकि वह सर्विलांस पर है। फिर उसने बैंक खाता व जमीन के बारे में जानकारी ली। 10 जून को दो आरटीजीएस फॉर्म खरीद कर मुझसे दो लाख पांच हजार व तीन लाख पांच हजार रुपए ट्रांसफर करवाया। अगले दिन 11 जून को उसने दूसरे नंबर से कॉल कर मुझे एसआईपी भुनाने के लिए बोला। उसके कहे अनुसार, मैंने उसके खाते में 42.50 लाख रुपया ट्रांसफर कराया।
ठग ने कहा कि आरबीआई के सत्यापन के बाद आपका पैसा वापस मिल जाएगा। अगले दिन 11 बजे उसने कॉल करने को कहा, मैनें कॉल किया पर नंबर बंद था। अब भी उसका नंबर बंद है। ठगी का एहसास होने पर मैंने साइबर हेल्पलाइन नंबर पर इसकी जानकारी दी। फिलहाल साइबर पुलिस प्रोफेसर के आवेदन पर केस दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है।
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