अशोक वर्मा
मोतिहारी : मोतिहारी में 5 दिनों से झुलसने वाली गर्मी की स्थिति बनी हुई है.दिनों दिन स्थिति भयानक होती जा रही है. मजदूरो का समय सुबह 6:00 से 11:00 तक कर दी गई है.वैसे तो सरकारी स्कूल बंद है साथ साथ लगभग सभी प्राइवेट स्कूल भी बंद है कोचिंग खुले होने से छात्र-छात्राओं को काफी रिस्क लेकर पढ़ने जाना पड़ता है. सड़के सूनी होती जा रही है. कूलर, एसी,सुराही, फैन की दुकानों की चांदी है.
बड़े बुजुर्गों का कहना है कि अपने जीवन में इतनी गर्मी नहीं देखी है.ज्योतिषाचार्य, धर्म और आध्यात्म से जुड़े हुए लोगों ने बताया कि कयामत का समय आरंभ है और इसकी शुरुआत हमें देखने को मिल रही है. वैसे तो वाहनों की संख्या में काफी कमी आई है लेकिन अतिक्रमण के कारण सड़कों की चौड़ाई कम होने से ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है. कोचिंग चलाने वाले प्रोफेसर एवं कवि जगदीश विद्रोही ने बताया की कोचिंग में छात्रों की संख्या कम हो गई है.विकास और अच्छे दिन के प्रलोभन में केंद्र सरकार ने देश को वर्वाद करके रख दिया है. प्राकृतिक आपदा के इस वर्तमान समय में सड़कों पर पानी पटाने की भी कोई व्यवस्था मोतिहारी में नहीं है. पता नहीं किस काम के लिए लोग विहार के वर्तमान सत्ताधारी दल का गुणगान कर रहे हैं. शहर में पेयजल की भी व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर नहीं होने से आम लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.जिला मुख्यालय शहर होने के बावजूद भी पूरे शहर में कहीं भी एक भी सेड की व्यवस्था ना तो किसी जन प्रतिनिधि ने या प्रशासन ने हीं किया है. पूरा जिला भाग्य भरोसे ही है. शहर में प्राइवेट डॉक्टरों की चांदी है,सरकारी अस्पताल से लोग बचना चाहते हैं.
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