सीतामढ़ी। हम जिस परिवेश में रहते हैं वह उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ऐसे में जरूरी है कि हम वेक्टर बोर्न जनित रोगों के बारे में सचेत और जागरूक रहें। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के अलावा चमकी का भी प्रकोप इस क्षेत्र में देखने को मिलता है। यह यहां के बच्चों के स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है। यह बातें जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविंद्र यादव ने कमला बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, डुमरा के छात्राओं से विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कही। उन्होंने छात्राओं को समझाया कि आप अपने आस पड़ोस और घर में छोटे बच्चों को समझाएं कि वह रात को खाली पेट ना सोएं। रात में सोने के पहले कुछ मीठा जरूर खिलाएं। धूप में ज्यादा देर ना खेलने जैसी नसीहतें दी।
ग्लूकोज के महत्व को समझाया:
डॉ रविंद्र कुमार यादव ने चमकी को धमकी कार्यक्रम के तहत छात्राओं को ग्लूकोज के महत्व पर जानकारी दी। डॉ यादव ने छात्राओं को समझाया कि जिस प्रकार वाहन को ईंधन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमारे शरीर को ग्लूकोज की पूर्ति के लिए खाना जरूरी है। इसकी कमी से हमारा शरीर सुस्त और काम करना धीरे-धीरे बंद कर देता है। यही हाल चमकी के उन बच्चों में होता है जो रात को खाना नहीं खाते हैं। उनके अभिभावक सुबह चार बजे के आसपास उन्हें हिलाकर जगाएं।
चमकी को धमकी के लिए तैयार है जिला:
डॉ यादव ने बताया कि चमकी को धमकी के लिए जिला पूरी तरह तैयार है। प्रखंड स्तर पर दो बेड के चमकी वार्ड की स्थापना की गई है, जहां 24 घंटे चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं। परिवहन के लिए पंचायत स्तर पर वाहनों को टैग किया गया है। प्रत्येक प्रखंड और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना हुई है। एसओपी के अनुसार सारी दवाएं और उपकरण भी मौजूद है। कार्यक्रम में करीब 200 छात्राओं, शिक्षिकाओं एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया।