अशोक वर्मा
मोतिहारी : स्वतंत्रता आंदोलन में चंपारण का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। स्वाधीनता संग्राम में चंपारण के गोविंदगंज में ऋषि दल बना था जिसमें जिले के काफी क्रांतिकारियों ने अपना जीवन समर्पित किया था।
ऋषि दल इतना मजबूत था कि उसमें शामिल क्रांतिकारियों ने गोविंदगंज थाना को फूंक दिया था तथा उसमें रखे सभी हथियार जलकर खाक हो गए थे। उस दल में जिले के तेज तर्रार स्वतंत्रता सेनानी दौलत सिंह भी शामिल थे।
आजादी के बाद कांग्रेसी सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन देना आरंभ किया जो बुढ़ापे में उनके लिए जीने का आधार बना ।इतना ही नहीं तत्कालीन केंद्र सरकार ने आश्रितों को भी पेंशन देना आरंभ किया जो अभी भी चल रहा है ।पूर्वी चंपारण में धीरे-धीरे सभी स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत होते गए ।अंतिम कड़ी दौलत सिंह जीवीत बचे थे ,उनकी भी मृत्यु 105 वर्ष की उम्र में हो गई ।
उनके याद में अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन पूर्वी चंपारण ने नगर के बेलबनवा स्थित कार्यालय में शोकसभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखा । शोकसभा में सभी उत्तराधिकारियों ने दौलत सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पण कर उन्हें नमन किया ।वक्ताओं ने दौलत सिंह के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि अब चंपारण का अंतिम स्वतंत्रता सेनानी भी हमारे बीच नहीं रहे। हम स्वतंत्रता सेनानियों के परिकल्पना का राष्ट्र निर्माण कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। तो आवें
आज संकल्प लें कि हम दौलत सिंह एवं अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के स्वप्न को पूरा करेंगे और समता मूलक राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने वालों में मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष श्री किशोर पांडे, जिला उपाध्यक्ष कौशल किशोर पाठक ,जिला कार्यकारी अध्यक्ष अमिता निधि, जिला सचिव राजकिशोर शर्मा अधिवक्ता ,संजय सत्यार्थी ,किशोरी प्रसाद ,राजेश अस्थाना आदि थे।
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