अशोक वर्मा
मोतिहारी : माउंट आबू में आयोजित बाबा मिलन कार्यक्रम में भाग लेकर वापस लौट रहे नेपाल के गउर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता शांति प्रसाद ने अपने ईश्वरीय यात्रा पर बताया कि 29 वर्ष पहले मैं ब्रह्माकुमारी के संपर्क में आया और यहां के ज्ञान और सहज राजयोग की विधि को देख ऐसा लगा कि जिसकी तलाश मुझे लंबे समय से थी, वह मिल गई।
उन्होंने सर्व शास्त्र शिरोमणि गीता ग्रंथ के कई श्लोको का वर्णन करते हुये कहा कि धर्म ग्लानी के समय भारत की भूमि पर अवतरण की बात जो उसमे बताई गई है ,उस समय पर भारत की भूमि पर वे अवतरित होकर नई स्वर्णिम दुनिया का निर्माण कार्य कर रहे हैं जो अब अंतिम चरण मे है।
ब्रह्मकुमारी के ईश्वरीय ज्ञान में आने के बाद की प्राप्ति पर उन्होंने कहा कि बचपन से जिस भगवान की मैं तलाश में था आज वह भगवान हमारे साथ है इससे बड़ी प्राप्ति और क्या हो सकती है? जीवन बदल गई। खुशहाली आ गई।दुनियावी दिखावटी सिस्टम से अलग यहां सिर्फ सच हीं सच है।यहां आते हीं मेरे अंदर दिनोदिन गुणो का संचार होने लगा ।निरंहकारिता,क्षमाशीलता, दया ,करुणा,आदि और अधिक जीवंत हो गये।आत्मिक शांति की अनूभूति हुई।जीवन मे आनंद हीं आनंद छा गया।
भविष्य सेवा योजना पर उन्होंने बताया कि जुडिशरी के काफी लोगों को मैं बाबा का ज्ञान संदेश दिया हूं, आगे भी अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना है।मै मीडिया विंग का भी मेंबर था उसे फिर रिनिवल करना है और मीडिया सेवा को भी बढाना है।सभी को बाबा का संदेश देना है। पुरुषार्थ की गति पर उन्होंने कहा कि समय की समीपता को देखते हुए अब साधारण पुरुषार्थ से काम नहीं चलेगा ज्वालामुखी योग भट्टी के साथ-साथ तिब्र पुरुषार्थ करना होगा ताकि जल्द से जल्द संपूर्णर्ता को हम प्राप्त कर सकें ।
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