स्वामी हरिदास संगीत विद्यापीठ के संस्थापक सचिव कृष्णा प्रसाद नहीं रहे

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अशोक वर्मा
मोतिहारी : स्वामी हरिदास संगीत विद्यापीठ के संस्थापक सचिव कृष्णा प्रसाद की मृत्यु शनिवार की रात्रि इलाज के दिल्ली हुई ।1 माह पूर्व लिवर की बीमारी से बुरी तरह अस्वस्थ होने के बाद उनके इंजीनियर पुत्र ने  इलाज दिल्ली में कराया ,लेकिन स्वास्थ्य लाभ नहीं हुआ और मृत्यु के आगोश में समा गए ।
उनकी मृत्यु की खबर मिलते हैं कला संस्कृति से जुड़े हुए एवं बुद्धिजीवी वर्ग के काफी लोग मर्माहत हुए।  आपातकाल के दौरान 1975 में जब देश मे सेंसरशिप लगा  था ,अखबार एवं सभी प्रकार के कल्चरल एक्टिविटीज  पर सेंसरशिप लग गया था ,उस दौर में मोतिहारी के  नवयुवक कृष्ण प्रसाद ने स्वामी हरिदास संगीत विद्यापीठ की स्थापना की और बड़े हीं गुप्त ढंग से व्यवस्था के खिलाफ  कलाकारों को मंच दिया। शोक संवेदना व्यक्त करते हुए गांधी स्मारक समिति के सचिव एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बृज किशोर सिंह ने कहा कि एक कुशल और मृदुभाषी कलाकार हमारे बीच से चला गया जिनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। संवेदना व्यक्त करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं छायाकार अशोक वर्मा ने कहा कि कृष्णा प्रसाद की मृत्यु मेरी व्यक्तिगत क्षति है
यह सच है कि जो  इंसान  धरती पर आया है सभी को जाना है लेकिन कृष्णा प्रसाद ने आपातकाल में जिस साहस का काम किया था, उसे हमेशा याद किया जाएगा।बाद मे उन्होंने अपनी संस्था से एम ए. तक की संगीत में डिग्री दी। कला संस्कृति एवं पारंपरिक लोक नृत्य गीत की प्रस्तुति देकर स्वस्थ संस्कृति का संदेश उन्होंने दिया  जिसके लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। उनके संगीत विद्यापीठ से सैकड़ों छात्र-छात्राएं संगीत शिक्षक शिक्षिका के रूप में सरकारी एवं प्राइवेट नौकरी में जाकर जीवन यापन कर रहे हैं। परिवर्तन संस्था के प्रसाद रत्नेश्वर ने कहा कि 2 साल पहले कृष्णा प्रसाद की पत्नी का देहांत हुआ था । पत्नी वियोग का भी उनके जीवन पर प्रभाव पड़ा था ,वे एकांकी जीवन जी रहे थे । उनकी मृत्यु से कला जगत को बड़ा नुकसान हुआ है। कृष्णा प्रसाद का एकलौता अभियंता पूत्र ने अपने नौकरी स्थल पर ले जाकर   उनका इलाज कराया  लेकिन नियति को कोई टाल नहीं सकता है।
 अंजनी अशेष ने कहा कि कृष्णा प्रसाद मेरे गुरु थे । सेवा संस्कृति मंच के अध्यक्ष सज्जन सिंघानिया ने कहा कि गुजरात भूकंप पीड़ितों के सहायतार्थ  सेवा संस्कृति मंच एवं स्वामी हरिदास संगीत विद्यापीठ के संयुक्त तत्वाधान में सांस्कृतिक आयोजन हुआ था और  उपलब्ध राशि को जिला पदाधिकारी के द्वारा गुजरात भेजा गया था  । कवि धनुषधारी कुशवाहा ने कहा कि शादगी , व्यवहार कुशलता के मामले  में कृष्णा प्रसाद हमेशा याद किए जाएंगे ।उन्होंने समाज को बहुत कुछ दिया है ,लिया किसी से नहीं । शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में मुंशी सिंह  महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रोफेसर अरुण कुमार, संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य शैलेंद्र कुमार सिन्हा ,डॉक्टर प्रोफेसर राम निरंजन पांडे ,पूर्व कुलपति डॉ रविंद्र कुमार रवि, डॉ मधुबाला सिन्हा ,डॉक्टर मंजरी वर्मा, पत्रकार सचिन सिंह, इंतजारूल अहमद ,समाजसेवी  ममता  राज, तबला वादक संजय पांडे, हारमोनियम वादक रामचंद्र प्रसाद, कलाकार राजकुमार, प्रोफेसर विनय वर्मा के अलावा अन्य कई लोग हैं।
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