राज विद्या केंद्र द्वारा श्री प्रेम रावत जी का  67 वा जन्मदिन  श्रद्धापूर्वक मनाया गया।

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अशोक वर्मा
मोतिहारी :  नगर के अवधेश चौक पर श्री प्रेम रावत बाल योगेश्वर महाराज जी का जन्मदिन काफी हर्षोल्लास के साथ बनाया गया ।कार्यक्रम में  काफी संख्या मे प्रेमियो की भागीदारी रही।सभी ने बड़े ही आत्मिक भाव के साथ जन्मदिन का उत्सव मनाया। सभी ने आत्मिक रूप  से अपने गुरु को  याद किया और उनके चित्र पर पुष्प अर्पण किया । उस अवसर पर बडा ही सुंदर सत्संग का आयोजन हुआ। कई भाई बहनों ने अपने  हृदय का उद्गार भी व्यक्त किया। उद्गार व्यक्त करने वालों में अमरनाथ अकेला, मुखलाल प्रसाद यादव, चंद्रशेखर गुप्ता, मंजू पाठक आदि थे।उक्त अवसर पर सामूहिक भोज का भी आयोजन किया गया। कई दशकों संस्था से जुड़े  चंद्रशेखर गुप्ता ने  गुरू जी का प्रिय गीत  गुनगुनाया —-
  तूझे माता कहूं या पिता ,तुझे गुरु कहूं या दाता ,मुझे मार्ग दिखा दे भगवन —–                            चंद्रशेखर गुप्ता ने बताया कि प्रेम रावत  महाराज  लेखक, कहानीकार शांति वक्ता है, उनकी आध्यात्मिक यात्रा 1966 से आरंभ हुई, पीस एजुकेशन प्रोग्राम के नाम से विश्व के अनेक देशों में  कार्यक्रम चलाया जा रहा है। संस्था द्वारा जेलों में भी पीस एजुकेशन प्रोग्राम  चलाया जा रहा है।  ।सुदूर गांव में यह संस्था लगातार सेवा कार्य कर रही है। संस्था का नाम ग्रीनीज बुक  ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज है । जन्मोत्सव मे काफी संख्या मे गुरू प्रेमी महिला एवं पुरुषो की  भागीदारी थी और सभी बड़े ही आत्मिक भाव के साथ जन्मदिन का उत्सव मनाया। गुरू प्रेम श्री रावत जी के चित्र  के पास कई महिलाये प्रेम विभोर होकर झूमते हुये नृत्य प्रस्तुत किया।कार्यक्रम  मे  बडा ही सुंदर सत्संग का आयोजन हुआ । समापन पर  सामूहिक भोज का भी आयोजन किया  गया। चंद्रशेखर गुप्ता ने बताया कि संस्था लगातार एजुकेशनल प्रोग्राम चला रही है ।प्रेम रावत फाउंडेशन जरूरतमंदों की सेवा  के साथ  साथ साथ आपदा सेवा भी लगातार कर रही है।श्री प्रेम रावत जी को शांति दूत का विश्व सम्मान प्राप्त है
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