अशोक वर्मा
मोतिहारी : केंद्र सरकार द्वारा मोटर चालक अधिनियम में किया गया बदलाव जनविरोधी है।इस कानून के जरिए केंद्र सरकार पूंजीपतियों और बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती है।जो मजदूरों एवं अन्य गरीब जनता के खिलाफ है।सड़क हादसे के लिए वाहन चालक सिर्फ जिम्मेवार नहीं हैं।कोई भी चालक जानबूझकर दुर्घटना नही करता है।लेकिन इसके लिए सिर्फ चालक को जिम्मेवार ठहरा कर कड़ी सजा का कानून बनाना बिल्कुल तानाशाही है।इस मसले पर ट्रेड यूनियन संगठनों से भी कोई राय मशविरा नही लिया गया। यह बात सर्वविदित है कि कोई भी वाहन चालक गरीब मजदूर परिवार से ही आते हैं।जिन्हे बहुत कम मासिक वेतन पर गुजारा करना पड़ता है।ऐसी परिस्थिति में यदि उन्हें 10वर्ष की सजा या 10लाख रुपए के जुर्माना की सजा मिलती है तो उनका परिवार ही उजड़ जायेगा।
इस कानून के खिलाफ पूरे देश के वाहन चालकों के अंदर भारी आक्रोश है जिसे वापस लेने के लिए आज वे सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।उनकी जायज मांगों का भाकपा माले समर्थन करती है और इस मजदूर गरीब विरोधी कानून वापस लेने की मांग करती है।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य विष्णुदेव प्रसाद यादव ने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस जनविरोधी कानून को वापस नहीं लेती है तो एक बड़ा जन आंदोलन शुरू होगा। –
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