अशोक वर्मा
मोतिहारी : श्री अयोध्या से आए पुजित कलश अक्षत को लेकर आज राम जन्म भूमि प्राण प्रतिष्ठा आमत्रंण समिति के तत्वावधान मे अजगरी मठ से विशाल शोभा यात्रा निकल कर अमवा सिसवा शनीचरी स्थान होते हुए गोखूला मठ पर समाप्त हुआ। रास्ते भर गगन भेदी जय श्रीराम के नारे लगते रहे और फूल की वर्षा होती रही। जगह जगह शोभा यात्रा पर गांव वालो द्वारा पुष्प की वर्षा हुई और सभी शोभा यात्रा मे शामिल होते गए। यात्रा मे बडी संख्या मे महिलाए शामिल थी। शोभा यात्रा का नेतृत्व समिति के जिला सदस्य आलोक चन्द और मनोरंजन प्रसाद कर रहे थे वंही हरेन्द्र प्रसाद शोभा यात्रा की सफलता के लिए काफी सक्रिय थे। मौके पर प्रमोद शंकर सिंह और पूर्व एम एल सी मोतिहारी बबलू गुप्ता भी शोभा यात्रा मे शामिल हुए।
गोखूला मठ पर विहिप नेता अशोक श्रीवास्तव अधिवक्ता ने लोगो को सम्बोधित करते हुए बताया कि 22 जनवरी को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा है यह मात्र राम मंदिर नही बल्की यह राष्ट्र मंदिर है 1 जनवरी से 15 जनवरी तक सभी घरो मे कार्यकर्ता अक्षत लेकर आपको अयोध्या चलने का निमंत्रण देने जाएगे 22 जनवरी को अयोध्या नही जाना है 22 जनवरी के बाद अयोध्या सभी को दर्शन करने जाना है 22 जनवरी को अपने अपने घरो को दीये से सजाये दीपावली मनाए और मठ मंदिर पर भजन-कीर्तन करे क्योकि 500 वर्षो के संघर्ष के बाद यह शुभ समय आया है।
मौके पर समिति के सदस्य व पूर्व जिला संयोजक बजरंगदल आलोक चन्द अधिवक्ता ने बताया कि 22 जनवरी का दिन हम सभी सनातनियो के लिए सौभाग्य का दिन है हम सौभाग्य शाली है कि पुरखो के बलिदान के उपरान्त अपने आंखो से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी का मंदिर उद्घाटन का गवाह बनने जा रहे है आप सभी उस दिन अपने अपने घरो मे मिष्ठान भोजन बनाए और दीपोत्सव कार्यक्रम करे।
मौके पर आर एस एस के कृष्ण कुमार जी ने बताया कि हमे याद है कि मुलायम सिंह यादव तत्कालीन मुख्य मंत्री उतर प्रदेश ने कहा था कि परिंदा भी अयोध्या मे पर नही मार सकेगा और कारसेवको ने सारी सुरक्षा को धत्ता बताते हुए अयोध्या मे ही नही बल्की मंदिर परिसर मे घूसकर पूजा किया था और जरूरत पड़ने पर विरोधियो का चैलेंज स्वीकारते हुए 1992 को सदा के लिए कलंकित ढांचा को भी नेसनाबूत किया था आज वह खुशी का दिन आ गया है आप सभी 22 जनवरी के बाद अयोध्या दर्शन के लिए जाए।
मौके पर सुरेश जी लालबाबू सिंह राजीव कुमार दीपू चौरसिया सोनू पाठक सुबोध यादव हनुमान दूबे लालबाबू दूबे सुभाष गुप्ता आशुतोष कुमार राजू कुमार चंदन सिंह संजय चौरसिया इत्यादि सैकड़ो कार्यकर्ता शामिल थे।